नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) भारत ने एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लेते हुए सचिव, केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय, मुख्य सचिव, दिल्ली सरकार और अध्यक्ष, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सीपीसीबी को 6 सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट देने के लिए नोटिस जारी किया है. दरअसल रिपोर्ट में कहा गया कि भलस्वा, गाजीपुर और ओखला लैंडफिल साइटों और दिल्ली के बवाना में इंजीनियर सेनेटरी लैंडफिल के पास भूजल खतरनाक रूप से दूषित हो रहा है. भूजल संदूषण को स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए एक बड़ा खतरा मानते हुए यह नोटिस भेजा गया है.
ये भी पढ़ें: चीन से भेजा गया 32 करोड़ रुपए का 61.5 किलो सोना, DRI ने किया जब्त
लैंडफिल साइट सीमा से कहीं अधिक दूषित पाए गए
आयोग द्वारा मांगी गई रिपोर्ट में समस्या से निपटने के लिए उठाए जा रहे या उठाए जाने के लिए प्रस्तावित कदम शामिल होने चाहिए. आयोग ने मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने 2021 में प्रत्येक लैंडफिल साइट के पास कई साइटों से नमूने एकत्र किए थे, जो वांछनीय सीमा से कहीं अधिक दूषित पाए गए थे. विशेषज्ञों ने कहा है कि लंबे समय तक उच्च टीडीएस स्तर वाले पानी का सेवन मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. भूजल में संदूषण का प्राथमिक स्रोत गैर-पृथक कचरा है, जिसे लैंडफिल साइटों पर डंप किया जा रहा है, जहां यह कचरा मिट्टी में समाहित हो रहा है.
- दिल्ली की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक
- मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां करें क्लिक