नई दिल्ली.  बिहार की बक्सर सेंट्रल जेल में निर्भया हत्याकांड के चारों आरोपियों को फांसी देने के लिए रस्सी बनाने का काम जोरों पर है. देश भर में फांसी देने के लिए रस्सी की आपूर्ति बक्सर जेल से ही की जाती है. जब किसी को फांसी देनी होती है तो उस रस्सी बनाने का ऑर्डर जेल प्रशासन को मिलता है. फांसी की रस्सी जिसे मनीला रोप भी कहा जाता है, बक्सर जेल को इसे बनाने में महारथ हासिल है.

गंगा नदी के किनारे स्थित बक्सर जेल में आजकल हलचल तेज है. क्योंकि यहां एक बार फिर मनीला रोप बनाने का ऑर्डर आया है. बक्सर जेल के सुप्रिटेंडेंट विजय कुमार अरोड़ा ने कहा कि उनके सीनियर ने 10 मनीला रोप तैयार करने को कहा है, लेकिन उन्हें नहीं मालूम कि यह किसके लिए है. उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि किस जेल से ये ऑर्डर आया है. उनका कहना है कि वो इस काम में लगे हुए हैं.

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माना जा रहा है कि यह रस्सी निर्भया कांड के दोषियों को ही फांसी देने के लिए तैयार की जा रही है, क्योंकि गृहमंत्रालय ने हाल ही में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से उनकी दया याचिका को खारिज करने की गुजारिश की थी. निर्भया कांड के एक आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट के द्वारा फांसी की सजा बरकरार रखने के बाद दया याचिका दायर की थी.

फांसी देने वाली रस्सी की लम्बाई जिसको फांसी होनी है, उसकी लम्बाई से 16 गुणा ज्यादा होती है. इसमें 72 सौ नट की एक गांठ बनाई जाती है, 56 फीट की रस्सी बनाई जाती है. इसमें अपने ही देश के कपास का इस्तेमाल होता है. पहले कपास मनीला से मंगाया जाता था, इसलिए इसे मनीला रस्सी कहा जाता था.

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सूत्रों का ये भी दावा है कि इस मामले के चारों आरोपियों को 16 दिसंबर को फांसी दी जा सकती है इसलिए तिहाड़ जेल प्रशासन ने तख्त तैयार करके एक डमी का ट्रायल किया है. हालांकि अभी तक फांसी देने को लेकर जेल प्रशासन के पास कोई लेटर नहीं आया है. निर्भया से दुष्कर्म और हत्या के जुर्म में मौत की सजा पाए दोषी तिहाड़ जेल में बंद हैं. बता दें कि सात साल पहले 16 दिसंबर 2012 को निर्भया के साथ छह दरिंदों ने चलती बस में गैंगरेप किया था. छह में से एक दोषी नाबालिग था जो अब छूट चुका है. वहीं एक आरोपी रामसिंह ने तिहाड़ में ही आत्महत्या कर ली थी.

बाकी बचे चार दोषियों को जल्द ही फांसी के फंदे पर लटकाया जा सकता है. सूत्रों का कहना है कि तिहाड़ जेल प्रशासन ने एक डमी में 100 किलो रेत भरकर ट्रायल किया. मकसद यह था कि अगर दोषियों को फांसी दी जाती है तो क्या फांसी देने वाली वो स्पेशल रस्सी इनके वजन से टूट तो नहीं जाएगी. जेल प्रशासन फांसी देते वक्त कोई मौका नहीं देना चाहता.