रायपुर। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे पर आईं थी. इस दौरान वे कई कार्यक्रमों में शामिल हुईं. इसी बीच केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण सेवा ही समर्पण कार्यक्रम में पहुंची. जहां प्रबुद्धजनों की संगोष्ठी का कार्यक्रम को संबोधित किया. ये कार्यक्रम राजधानी के वीआईपी रोड स्थित एक निजी होटल में हुआ. जहां पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, बीजेपी अध्यक्ष विष्णुदेव साय, राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय मौजूद रहीं.

इस दौरान वित्त मंत्री सीतारमण ने केंद्र सरकार के योजनाओं की उपलब्धियां गिनाई. साथ ही छत्तीसगढ़ में वैक्सीनेशन प्रक्रिया की तारीफ की. कहा कि भारत की जनता का शुक्रिया, किसी को भी अंदाजा नहीं था कि क्या होने वाला है, भारत में चीजो की उपलब्धता है कि नहीं वो भी नहीं पता था. इस देश में पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट भी नहीं था, लॉकडाउन के सारे रास्ते बंद हो गए थे, फिर भी हमने एक्सपर्ट को लगाया.

पीपीई किट और टेस्टिंग किट लाए गए, छोटे कारखाने में भी पीपीई किट के लिए जल्द काम हुआ. पीएम मोदी के सुपरविशन में 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में राशन और उनके खातों में पैसे प्रदान किए गए. उस समय कोई बाहर नहीं आता था. बैंक कर्मचारियों ने बेहतर काम किया, डेवेलोप कंट्री में भी गरीबों तक पैसे पहुंचाने की व्यवस्था नहीं थी. भारत जैसे देशों में दूर दराज तक पैसे और राशन पहुंचा, रसोई गैस की व्यवस्था भी की गई.

पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अलग अलग सेक्टर्स से बात की. मंत्रालय में तुरंत उनके आदेश का अनुपालन होता था, इस देश की सेवा करने में किसी भी वर्ग के लोगों ने संकोच नहीं किया. वैक्सीन नहीं थी, उसके बाद भी लोगों ने अपनी जान को जोखिम में रखकर काम किया. आत्मनिर्भर भारत का कॉन्सेप्ट उसके बाद आया.

वैज्ञानिकों ने वैक्सीन बनाई, बाकी देशों के लोग आश्चर्य हो गए. कुछ लोगों ने वैक्सीन लेने के बाद खरीदा ही नहीं. मैं उस देश का नाम नहीं लेना चाहूंगी. पूरे देश में वैक्सीन की वजह से व्यवस्था बेहतर है. आज हम मास्क निकालकर भी बात कर पा रहे हैं. छत्तीसगढ़ के वैक्सीनेशन सेंटर का मैने जायजा लिया. मुझे व्यवस्था बेहतर लगी, यहां भी 1 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है.

इस दौरान मीडिया ने सवाल किया कि केंद्र सरकार पर लगातार लूट के आरोप लग रहे हैं. इस पर मंत्री सीतारमण ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 2004 से 2014 तक भारत आर्थिक स्थिति में काफी पीछे हो गया था. एक व्हाइट पेपर के जरिये सच्चाई छिपाने का काम किया, वो बाहर आ गया, हम आरोप नहीं लगा रहे, लेकिन एक्सपर्ट भी रखा जा सकता था, वो इकोनॉमी को गंभीर अवस्था में छोड़कर गए, जिसे केंद्र सरकार लगातार सुधारने का काम कर रही.

निर्मला ने कहा कि पॉलिसी के तहत हर सेक्टर में फोकस करना चाहिए. बेकार के कानूनों को हमने हटाया, जितने भी प्रावधान है, जिसमें गलती की सजा भी मिलेगी. माफी नहीं मिलेगी. क्रिमिनीलाइजेशन ऑफ कंपनी एक्ट पर बात कर रहे हैं. छोटे छोटे बिजनेस पर भी कानून ला रहे हैं.

इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि पीएम मोदी ने अपने कैबिनेट में एक से बढ़कर एक रत्न चुने हैं, उनमें से एक निर्मला सीतारमण हैं. कोविड काल में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का काम निर्मला सीतारमण ने किया है. मंच से रमन सिंह ने सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि तीन सालों में छग सरकार ने 32 हजार करोड़ का कर्ज लिया. हमने पांच साल में ये लिया था, 33 माह में 32 हजार करोड़ का कर्ज ले लिया. ये कहते हैं कि केन्द्र से पैसा नहीं मिलता.

रमन सिंह ने कहा कि स्टेट बजट का 55% पैसा केन्द्र से मिलता है. आज ब्याज की राशि 11 हजार करोड़ हो गई है. कर्ज लेना बुरी बात नहीं, हमने भी कर्ज लिया, लेकिन पूंजीगत व्यय खर्च हो तो हमारे पास एसेट्स(assets)होता है, लेकिन वे कर्ज लेकर ब्याज पटा रहे हैं.

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