रायपुर। मध्यभारत के अग्रणी चिकित्सा संस्थानों में एक एनएच एमएमआई नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ सुनील गौनियाल और उनकी टीम ने प्रदेश में पहली बार थोरेसिक इंडोवैस्कुलर एओर्टिक रिपेयर (TEVAR) प्रक्रिया सफलता पूर्वक किया गया.

डॉ सुनील गौनियाल ने इस प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि थोरेसिक एंडोवास्कुलर एओर्टिक रिपेयर (TEVAR) प्रमुख रक्त वाहिका यानि महाधमनी (AORTA) की मरम्मत के लिए एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है. महाधमनी हृदय से बाहर निकलती है और सभी अंगों और शरीर के बाकी हिस्सों में रक्त पहुंचाती है. महाधमनी शरीर की सबसे बड़ी धमनी है, महाधमनी के माध्यम से हृदय, फेफड़ों द्वारा ऑक्सीजनित रक्त को बाहर निकालता है, जो सभी अंगों और शरीर के बाकी हिस्सों को पोषण देता है.

महाधमनी की आंतरिक सतह के फटने से, इसके अंदर प्रवाहित रक्त का रिसाव लगातार महाधमनी के मध्य परत में होता रहता है, जिससे वे अलग हो जाते हैं. ऐसी परिस्थिति में यदि महाधमनी की बाहरी परत से रक्त का रिसाव होता है, तो स्थिति घातक हो सकती है. ऐसे हालात में महाधमनी को एक विशेष डिवाइस के जरिए हृदय रोग विशेषज्ञ की टीम द्वारा रिपेयर किया जाता है. इस प्रक्रिया के बाद मरीज के शरीर में रक्त का संचार सुचारु रूप से चालू हो जाता है.

डॉ गौनियाल ने बताया कि, यह एक असामान्य लेकिन बेहद खतरनाक चिकित्सकीय आपातकाल है. यदि इसका तुरंत पता लगाकर इलाज नहीं किया जाता है, तो, महाधमनी विच्छेदन प्राणघातक भी हो सकता है. महाधमनी विच्छेदन सबसे चुनौतीपूर्ण वैस्कुलर रोगों में से एक है, जिसमें रोगी की मृत्यु दर क्रमशः 30% और 30-दिन और 5-वर्ष की मृत्यु दर क्रमशः 50% और 60% से अधिक है. ऐसे मरीज़ों का प्रबंधन बेहद चुनौतीपूर्ण होता है, साथ ही इसका सफलतापूर्वक इलाज करना अपने आप में एक चुनौती है.

एनएच एमएमआई नारायणा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में इस पद्धति से किए गए प्रदेश के पहले ऑपरेशन के बारे में जानकारी देते हुए हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ सुनील गौनियाल ने बताया कि एक 60 वर्षीय मरीज को सीने में दर्द की शिकायत पर हार्ट अटैक की आशंका पर उपचार के लिए भर्ती कराया गया था. मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए इंडोवैस्कुलर प्रक्रिया द्वारा इलाज करना तय किया गया.

इस प्रक्रिया में पैर की धमनी से प्रवेश कर ट्यून को महाधमनी के पार रखा जाता है। ट्यूब के माध्यम से एक पूर्व निर्धारित आकार के स्टेट ग्राफ्ट को उसके समीपवर्ती टूटे हुए भाग में महाधमनी के अंदर लगाया गया. बहुत कम समय में इस प्रक्रिया को बिना किसी जटिलता के सफलतापूर्वक किया गया. रोगी को 3 दिनों के बाद बिना किसी दर्द और अच्छी तरह से नियंत्रित रक्तचाप के साथ छुट्टी दे दी गई. अब वह स्थिर है और पहले से ही अपने नियमित काम को फिर से शुरू कर रहा है.

संस्थान के फैसिलिटी डायरेक्टर विनीत सैनी ने बताया कि पूर्व में भी हमारे चिकित्सकों की ऐसी उपलब्धियों से राज्य में विभिन्न जटिलतम प्रक्रियाओं को सफलतापूर्वक करने का गौरव प्राप्त हुआ है. उन्होंने बताया पिछले 8 वर्षों में संस्थान के चिकित्सकों द्वारा राज्य एवं पड़ोसी राज्यों के सुदूर इलाकों में विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों के द्वारा समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहा है, और यह मुहीम आगे भी जारी रहेगी.

मध्यभारत का अग्रणी चिकित्सकीय संस्थान

एनएच एमएमआई नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल अगस्त 2011 में अस्तित्व में आया था. 56 बेड हॉस्पिटल को अत्याधुनिक उपकरण, सुविधाओं, नवीनतम ऑपरेशन थिएटर और चिकित्सकीय कौशल से संयुक्त 157 बेड क्षमता वाले हॉस्पिटल में रूपान्तरित किया गया. आज यह हॉस्पिटल 250 बेड की क्षमता के साथ मध्यभारत का अग्रणी चिकित्सकीय संस्थान बन गया है जो हृदयरोग, मष्तिस्क विज्ञान, गुर्दारोग और हड्डीरोग के साथ ही कैंसर जैसे जटिल रोगों के इलाज की विस्तृत एवं उत्कृष्ट सेवाएं दे रहा है.