जम्मू। बर्फानी बाबा के दर्शन के लिए लालायित श्रद्धालुओं को आने वाले सालों में पैदल यात्रा करने की जहमत नहीं उठानी पड़ेगी. सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को अमरनाथ गुफा तक के लिए सड़क बनाने को कहा गया है. इस बात की पुष्टि किसी और ने नहीं बल्कि स्वयं जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने की है. इसे भी पढ़ें : ‘चलो दौड़ लगाएं’… राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान बच्चों के साथ मस्ती सोशल मीडिया में हुई वायरल

एक समाचारपत्र को दिए साक्षात्कार में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सीमा सड़क संगठन को अमरनाथ गुफा तक पहुंचने वाले सड़क मार्ग बनाने के लिए कह दिया गया है. सीमावर्ती इलाकों में सड़क बनाने के काम में जुटे बीआरओ के लिए यह काम मुश्किल नहीं है. उपराज्यपाल के निर्देश केबाद अमरनाथ यात्रा मार्ग पर सड़क बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है.

बता दें कि आवाजाही की समस्या की वजह से अनेकोनेक श्रद्धालु 14,500 फुट की ऊंचाई पर स्थित बर्फीले पहाड़ों में बनी गुफा में बनने वाले स्वयंभू हिमलिंग के दर्शन से वंचित रह जाते हैं. बड़े-बुजुर्ग तो दूर जवानों की भी पैर 29 किमी लंबी दुर्गम पैदल यात्रा करने में कांप जाती है.

सरकार के कदम से वाकिफ अधिकारियों का कहना है कि एक बार सड़क बन जाने के बाद अमरनाथ यात्रा मार्ग पर बैटरी चलित कारों को चलाने की तैयारी भी की जा सकती है. इसके पहले अमरनाथ श्राइन बोर्ड श्रीनगर से गुफा तक हेलीकॉप्टर सेवा को पहले ही आरंभ कर चुका है.

आधिकारियों के अनुसार, अमरनाथ गुफा तक सड़क निर्माण का काम लोक निर्माण विभाग के वश का नहीं है. लेकिन सीमा सड़क संगठन इसे अंजाम दे सकता है. इसके लिए कई साल पहले पेशकश भी की थी, जिसे अब संगठन ने स्वीकार कर लिया गया है.

सीमा सड़क संगठन की ओर से दिए गए प्रस्ताव के अनुसार, 1 वर्ष के दौरान उनके कर्मी सड़क की कच्ची मिट्टी को काटकर सड़क में बदल देंगे और उसके अगले वर्ष उसे पक्का कर देंगे. सड़क निर्माण के उपरांत यह ठीक श्रीनगर-लेह मार्ग की तरह ही साल में 6 महीने खुला और 6 माह बंद रहा करेगा.

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