दन्तेवाड़ा। जिले के संवेदनशील क्षेत्र बड़े गुडरा के कवासीपारा में डायरिया फैलने से पखवाड़े भर में नवजात बच्चों समेत 7 लोगों की मौत हो गई. क्षेत्र में हो रही लगातार मौतों के बावजूद गरीब आदिवासियों की सुध लेने वाला कोई नहीं है. न ही स्वास्थ्य अमला यहां पहुंचा और न ही प्रशासन ने मौतों की वजह जानने की जहमत उठाई. लल्लूराम डॉट कॉम की टीम जब इस गांव में पहुंची तो यहां के लोगों की स्थिति काफी दयनीय नजर आ रही थी. हर चेहरे में मौत का एक अनजाना खौफ साफ नजर आ रहा था.

कवासी पारा के कई घरों में अब भी लोग बीमार खाट में पड़े हैं तो छोटे-छोटे नौनिहाल बुखार की चपेट में है. मौत की खबर आस-पास के गांवों में ऐसी फैली कि अगल-बगल के टोला मोहल्ला के लोग कवासी पारा जाने में डर रहे हैं। वहीं कवासी पारा के ग्रामीणों ने मीडिया को देखकर मदद की गुहार लगाई साथ ही पूरे मोहल्ले में उन बीमार लोगों के पास ले गई. जो इस वक्त जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे है.

अब तक मृत लोग

कवासीपारा बड़ेगुडरा मृतक के नाम अनिता 08 वर्ष, मुददे 40 वर्ष, पाण्डु 45 वर्ष, मासा 38 वर्ष, वेल्ला 25 वर्ष , दो नवजात शिशु को मिलाकर 7 मौते अब तक हो चुकी है.

मितानिन ने दी थी जानकारी

जब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बड़े गुडरा पहुंचकर कवासी पारा में हो रही मौतों की जानकारी दी गई तो डॉक्टर बचते नजर आए, डॉक्टर का कहना था कि उन्हें इसकी जानकारी बिल्कुल भी नहीं है. कवासीपारा में तैनात मितानिन संगीता पोड़यामि का कहना है कि उसने दो मौत की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दी थी, अभी वह छुट्टी में है. वही इसी कवासी पारा के एक शिक्षित नौजवान रमेश ने बताया कि १५ दिनों में ७ मौत हो चुकी है, उन लोगों ने स्वास्थ्य विभाग को कई बार इसकी जानकारी दी थी लेकिन किसी ने कोई भी सुध नहीं ली.