अजय शर्मा, भोपाल/अनिल सक्सेना, रायसेन। मध्यप्रदेश के कुख्यात बदमाश मुख्तार मलिक की मौत हो गई है. राजस्थान के झालावाड़ में मुख्तार मलिक राजस्थान पुलिस को घायल अवस्था में मिला था. इसे गोली लगी थी. पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया. जिसके बाद आज सुबह इसकी मौत हो गई है. इस तरह एक कुख्यात बदमाश का अंत हो गया. झालावाड़ एसपी मोनिका सेन ने उसकी मौत की पुष्टि की है. मप्र के रायसेन और भोपाल सहित मप्र और उप्र के अन्य स्थानों पर उसके ऊपर 58 से ज्यादा मामले दर्ज थे.

जानकारी के मुताबिक भोपाल निवासी मुख्तार मलिक ने भीमसागर बांध के नदी क्षेत्र में मछलियां पकड़ने का ठेका लिया है. जहां मछुआरों से उसका विवाद हो गया और फिर फायरिंग शुरू हो गई. गैंगवार के दौरान नदी में एक युवक की मौत हो गई, जबकि मुख्तार समेत कई लोग घायल हुए थे. ग्रामीणों से सूचना मिलने के बाद राजस्थान पुलिस ने मुख्तार को गिरफ्तार कर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया था, लेकिन उसकी भी इलाज के दौरान मौत हो गई. बता दें कि कुख्यात बदमाश मुख्तार मलिक पर 58 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज है. पिछले दिनों राजधानी भोपाल के अमदाबाद पैलेस में हुई गोलीबारी में भी बदमाश मुख्तार शामिल था. बदमाश मुख्तार के खिलाफ भोपाल के कोहेफिजा थाने में हत्या के प्रयास का केस दर्ज है. इसलिए पुलिस उसकी तलाश कर रही थी.

फिर चर्चा में IAS नियाज खान: ट्वीट कर RSS प्रमुख मोहन भागवत की तारीफ की, कहा- आपके महान विचारों को सलाम करता हूं

Read More: MP Election: निकाय चुनाव का नड्डा प्लान, इधर तैयारी को लेकर कांग्रेस का एक्शन प्लान, 9 जून को महापौर प्रत्याशियों का चयन

पुलिस के मुताबिक भीमसागर बांध के नदी क्षेत्र में मछलियां पकड़ने का ठेका भोपाल निवासी मुख्तार मलिक ने ले रखा है. मंगलवार देर रात मुख्तार मलिक 11 मजदूरों के साथ कांस खेड़ली के पास कम गहरे पानी में नाव से पेट्रोलिंग कर रहा था. इसी दौरान गांव के रहने वाले मछुआरों से कहासुनी हो गई. इस दौरान दोनों ओर से हुई गोलीबारी में मुख्तार और उसके एक साथी की गोली लगने से मौत हो गई.

भरी अदालत में गोलीबारी के बाद सुर्खियों में आया था मुख्तार मालिक

भोपाल जिला अदालत में मुख्तार मलिक के खिलाफ गवाही देने आए मुन्ने पेंटर के ऊपर जज के सामने भरी अदालत में गोली चलाने वाले मुख्तार मलिक पहली बार सुर्खियों में आया था. मई से पहले अपहरण के एक मामले में आईपीएस संजीव सिंह द्वारा चिकलोद के जंगलों में भी पुलिस से हुई मुठभेड़ में मुख्तार बाल-बाल बच गया था. घटना मुख्तार के दो शूटर पुलिस एनकाउंटर में मारे गए थे.

वहीं एक अन्य मामले में मुख्तार को जबलपुर हाईकोर्ट से फांसी की सजा सुनाई गई जो बाद में सुप्रीम कोर्ट ने आजीवन कारावास में बदल दी थी. मुख्तार कुछ दिनों से जमानत पर जेल से बाहर था. वही इन दिनों राजस्थान के झालावाड़ में भीमसागर डेम में मछली का ठेका पेटी पर लेकर काम कर रहा था. जहां वर्तमान और पूर्व मछली ठेकेदार के बीच गैंगवार चल रही थी.

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus