सत्यपाल राजपूत, रायपुर. अब स्कूलों में बच्चे अपनी बोली भाखा में पढ़ेंगे.16 बोली एवं 4 क्षेत्रीय राज्यों की भाषा में पढ़ाई होगी. कक्षा पहली, दूसरी के लिए लगभग 12 लाख किताबें विद्यार्थियों तक पहुंच गई है.

एससीईआरटी के अतिरिक्त संचालक डॉ. योगेश शिवहरे ने बताया कि छोटे बच्चा जब पहली बार स्कूल आता है और अचानक हिंदी से सामना होता है तो कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. इसके चलते द्विभाषी पुस्तक विद्यार्थी तक पहुंचाया गया है, ताकि अपने बोली भाषा में विद्यार्थी समझ सकें और हिंदी की ओर अग्रसर हो सकें.

इन भाषाओं में पुस्तक उपलब्ध
कक्षा 1 एवं 2 में सत्र 2020-21 के लिए सम्मिलित भाषाएं छत्तीसगढ़ी, दोरली, हल्बी, भतरी, धुरवी गोंडी, सादरी, कमारी, कुडुख, बघेली, सरगुजिहा, बैगानी, माडिया बोली भाषा में पुस्तक छापे गए हैं. अंतरराज्यीय भाषाएं उड़िया, बंगला, मराठी, तेलगू में भी पुस्तक उपलब्ध हैं.