दिल्ली. हिंदी पट्टी के तीन अहम राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी को मिली करारी शिकस्त के बाद अब केंद्र सरकार अपना खजाना किसानों के लिए खोलने जा रही है। इसकी शुरुआत सबसे पहले कर्ज माफी से होगी। वहीं फरवरी में पेश होने वाले बजट में किसानों के लिए कई नई योजनाओं की घोषणा होने की संभावना है।

सरकार अब देश भर के 26.3 करोड़ किसानों और उनके आश्रितों द्वारा विभिन्न सरकारी बैंकों से लिए गए कर्ज को माफ करने की योजना पर काम कर रही है। कर्ज माफ होने की कुल रकम 4 लाख करोड़ रुपये है, जो कि भारतीय रिजर्व बैंक के पास मौजूद 9.6 लाख करोड़ से काफी ज्यादा है।

केंद्र सरकार यह कदम इसलिए उठा रही है क्योंकि विधानसभा चुनावों में किसान सबसे ज्यादा नाराज थे। अब सरकार लोकलुभावन घोषणाएं करने जा रही है ताकि इसका फायदा पार्टी को मई 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों में मिल सके।

भाजपा की केंद्र में पिछले साढ़े चार सालों से सरकार है। इस दौरान किसानों की आय बढ़ने के बजाय घटती गई। वहीं खेती से होने वाली पैदावार भी सितंबर में खत्म हुई तिमाही में 5.3 फीसदी से घटकर केवल 3.8 फीसदी रह गई। उपज कमजोर होने के साथ ही किसानों की आय पर भी प्रभाव पड़ा है। किसानों की आय में गिरावट होने से गांव-देहातों में उपभोक्ता वस्तुओं की बिक्री भी काफी कम हो गई है।

सरकार 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेगी। इस दौरान हो सकता है वित्त मंत्री अरुण जेटली अपना फोकस ग्रामीण अर्थव्यवस्था, इंफ्रास्ट्रक्चर, घर, रेलवे और सड़कों पर कर लें। इसके साथ ही सब्सिडी में बढ़ावा और टैक्स की दरों में और कमी की जा सकती है, जिससे आम लोगों को राहत मिल सके।