रायपुर। मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और केंद्रीय संचार राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने आज डिजिटल भारत के दूसरे चरण का शुभारंभ किया. दूसरे चरण के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए. राजधानी के सयाजी होटल में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस एमओयू पर केन्द्र सरकार के दूरसंचार विभाग, भारत ब्रॉड बैंड नेटवर्क, राज्य सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग और छत्तीसगढ़ इन्फोटेक एवं बायोटेक प्रमोशन सोसायटी यानि चिप्स के अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए.
केन्द्र सरकार की भारत नेट परियोजना के दूसरे चरण में छत्तीसगढ़ के 85 विकासखण्डों की 6000 ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ा जाएगा. इस मौके पर सीएम रमन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय संचार राज्यमंत्री मनोज सिन्हा को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ नए युग में प्रवेश कर रहा है. उन्होंने कहा कि गांव-गांव को सरकार इंटरनेट कनेक्टिविटी से जोड़ेगी. सीएम ने ये भी कहा कि अब जब वे कहीं सभा में जाते हैं, तो लोग ये पूछते हैं कि मोबाइल का नेटवर्क नहीं मिलता, इसके लिए सुविधा दे दीजिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश के अंतिम गांव तक वे इंटरनेट की कनेक्टिविटी पहुंचाएंगे.
बता दें कि योजना के तहत एमपीएलएस तकनीक से रिंग पद्धति द्वारा ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर केबल नेटवर्क से जोड़ने के लिए कैपेक्स के रूप में 1600 करोड़ रूपए और ओपेक्स के रूप में 10 वर्ष के लिए 898 करोड़ रूपए की जरूरत होगी. कुल 32 हजार 466 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने की तैयारी की जा रही है.

चाऊर वाले बाबा की जगह बदलेगा सीएम का नाम- मनोज सिन्हा

वहीं केंद्रीय संचार राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि पहले सीएम रमन सिंह को लोग चाऊर वाले बाबा के नाम से पुकारते थे, लेकिन अब उन्हें लोग मोबाइल बाबा या फिर ब्रॉडकास्ट बाबा के नाम से पुकारेंगे. उन्होंने कहा कि भारत नेट परियोजना दुनिया की सबसे बड़ी टेलीकॉम परियोजना है. उन्होंने कहा कि इसमें सबकुछ स्वदेशी है और विदेशों से एक भी सामान आयात नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि मोदी के राज्य में कार्यसंस्कृति बदली है. मनोज सिन्हा ने कहा कि उन्हें हर जगह विकास के बल पर जनादेश मिल रहा है और छत्तीसगढ़ में अगले साल होने वाले चुनाव में भी पिछले साल के मुकाबले भारी जनादेश मिलेगा.
मनोज सिन्हा ने ये भी कहा कि राज्य सरकार ने कई बार ये मांग की थी कि नक्सल प्रभावित गांवों में पोस्टऑफिस खोले जाएंगे. इस मांग को मानते हुए अब इन गांवों में डाकघर खोले जाएंगे. उन्होंने कहा कि 2500 ग्रामीण डाक सेवकों की भर्ती भी कर ली गई है. उन्होंने ये भी कहा कि प्रदेश के 17 जिले नक्सल प्रभावित हैं.