जितेन्द्र सिन्हा, राजिम। इलाके के प्राकृतिक सौन्दर्य से विभूषित घने जंगलो में  कई प्राकृतिक झरना है जिनमे से एक चिंगरापगार बारुका की पहाड़ी में स्थित विहंगम झरना है. बरबस ही सैलानिओं को अपनी ओर आकर्षित करता है.

चिंगरापगार झरना 200 फिट से ज्यादा ऊंचाई से गिरता है. झरना देखने दूर-दूर से लोग यहां बारिश के दिनों में पिकनिक मनाने आते हैं और प्राकृतिक झरने का आनंद उठाते है. शासन की अनदेखी के कारण इस पर्यटक स्थल का विकास नहीं हो रहा है. बारुका से तीन किलोमीटर दूर पहाड़ी पर झरना हरे-भरे जंगलों के बीच है. पर्यटकों ने बताया की चिंगरापगार झरना कई प्रसिद्ध झरनों में से एक है. अगर शासन द्वारा झरना तक जाने का रास्ता का निर्माण करा दे, सबको आने जाने में सुविधा हो जाएगा.

बारुका ग्राम के पूर्व सरपंच सेवक राम ने बताया कि झरना के पानी को रोकने के लिए एक साधारण बांध निर्माण के लिए शासन को कई बार ध्यान आकर्षण कराया जा चुका है पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. पंचायत से प्रस्ताव बनाकर कलेक्टर को दिया जा चुका है. पर जन प्रतिनिधियों की निष्क्रियता से काम चालू नहीं हो रहा है. बांध बनने से गांव के 75 प्रतिशत खेतों में सिंचाई हो सकती है.  साथ ही जल संरक्षण एवं जंगली जानवरों के पेयजल की व्यवस्था हो जाएगी. चिंगरा पगार झरना का स्थल एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल का रूप ले सकता है.