NZ vs AFG Test : ग्रेटर नोएडा में होने वाला अफगानिस्तान बनाम न्यूजीलैंड का इकलौता टेस्ट अब रद्द होने की कगार पर है. बारिश के चलते मैदान में पानी भरा हुआ है. पिछले 4 दिनों में टॉस तक नहीं हुआ. जानिए यहां फैली बदइंतजामी के लिए कौन जिम्मेदार है…

अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच ग्रेटर नोएडा में होने वाला इकलौता टेस्ट बारिश के चलते धुलने की कगार पर है. चौथे दिन भी खेल नहीं हुआ. यह मुकाबला  शहीद विजय सिंह पथिक खेल परिसर में होना था, जहां बदइंतजामी की हदें पार हैं. इंटरनेशनल लेवल की सुविधाएं नहीं होने से यहां टेस्ट मुकाबले के चार दिन बाद भी टॉस नहीं हो सका. इसलिए इसे लेकर बवाल मचा हुआ है. लगातार बारिश के चलते मैदान में पानी भरा है. ग्राउंड स्टाफ ने पानी सुखाने के लिए तमाम कोशिश कीं, लेकिन वो विफल रहे, क्योंकि स्टेडियम में पानी का निकासी सिस्टम ठीक नहीं है.

पिछले 10 दिनों इतनी ज्यादा बारिश होने के चलते मैदान में कीचड़ भी भर गया. एक दिन पहले ही ग्राउंड को सुखाने के लिए कुछ हिस्सों में खुदाई करके वहां नेट प्रैक्टिस वाली घास सेट करने की कोशिश की गई थी, लेकिन देर रात हुई बारिश से सब कुछ किरकिरा हो गया और ग्राउंड स्टाफ की मेहनत बेकार गई. इसके चलते चौथे दिन का खेल भी रद्द कर दिया गया है. अब शुक्रवार सुबह एक बार फिर मैदान का निरीक्षण होगा, जिसके बाद आगे का फैसला लिया जाएगा.

दरअसल, BCCI ने अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड को इस एकमात्र टेस्ट के लिए  विकल्प के तौर पर बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम और कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम की पेशकश भी की थी, लेकिन AFG क्रिकेट बोर्ड ने ग्रेटर नोएडा को ही चुना. इसके पीछे की वजह अफ़गानिस्तान प्लेयर के इस मैदान से परिचित होने और कम खर्च जैसे मुद्दों को तरजीह देना बताया जा रहा है. अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड का मानना था कि दिल्ली और काबुल तुलनात्मक रूप से ग्रेटर नोएडा के पास हैं.

मैदान को ठीक करने के लिए क्या-क्या जतन किए गए?

  • पिछले 3 दिनों में गीले आउटफील्ड को सुखाने की लाख कोशिशें नाकाम रहीं.  ग्राउंड स्टाफ ने मिड-ऑन के पास दो से तीन फीट की खुदाई भी की. जहां सूखी मिट्टी और कृत्रिम घास लगाने की कोशिश की गई, लेकिन मैदान तैयार नहीं हो पाया.
  • मैदान को सुखाने के लिए टेबल फैन का यूज किया गया, जिसकी फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं.
  • बारिश के चलते मैदान में कीचड़ के हालत बन चुके हैं. इस मैदान को ठीक करने के लिए ग्राउंड स्टाफ में 20-25 सदस्य हैं और 15 आउटसोर्स हैं.
  • ग्रेटर नोएडा के मैदान में पांच सुपर सोपर हैं, इनमें दो ऑटोमैटिक और तीन मैनुअल हैं. यहां तक कि कवर और पंखा भी टेंट हाउस से किराए पर लिया गया था.

BCCI की कोई भूमिका नहीं (NZ vs AFG Test)

इस टेस्ट मैच में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की कोई भी भूमिका नहीं है. इस वेन्यू को अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने पसंद किया था. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की जिम्मेदारी थी कि इस मुकाबले के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं उपलब्ध कराएं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बीसीसीआई ने 2019 में विजय हजारे ट्रॉफी के बाद से यहां अपने किसी भी घरेलू और इंटरनेशनल मैचों की मेजबानी नहीं की है.

इस मैदान पर लग चुका है प्रतिबंध

न्यूजीलैंड और अफगानिस्तान के बीच इस मैदान पर होने वाला यह टेस्ट वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) का हिस्सा नहीं है, लेकिन यह ICC से संबंधित है. ग्रेटर नोएडा के इस स्टेडियम को ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण संचालित कर रहा है. इस मैदान ने 2016 में गुलाबी गेंद के दलीप ट्रॉफी मैच की मेजबानी की थी. 2017 में कॉरपोरेट मैचों के दौरान मैच फिक्सिंग के चलते बीसीसीआई ने इसे प्रतिबंधित कर दिया था. तब से लेकर अब तक यहां बीसीसीआई से संबंधित कोई भी मैच नहीं हुआ है. यह स्टेडियम पहले अफगानिस्तान के लिए घरेलू मैदान के रूप में काम कर चुका है.