कृष्णा रंजन, नगरी। कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए छत्तीसगढ़ में 31 मार्च तक लॉक डाउन है. सभी जिला और ब्लॉक मुख्यालयों में धारा 144 लगाई गई है, जिससे लोगों की गतिविधियां सीमित रहे. ऐसे में धमतरी जिला के नगरी विकास खण्ड में काष्ठगार के अधिकारी धारा 144 का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन कर रहे हैं.

काष्ठगार के अधिकारी धारा 144 लगने के बाद भी 108 मजदूरों की जान जोखिम में डालकर उनसे समूहों में काम करवा रहे हैं. मजदूरों को बकायदा वन विभाग की गाड़ियों में भरकर जंगल ले जाया जा रहा है, और जंगल से काष्ठ ढुलाई ओर काष्ठागार में रखे अव्यवस्थित लकडी को व्यवस्थित करने कार्य करवाया जा रहा है.

सावधानी के लिए इन मजदूरों के पास ना मास्क है ना सेनोटाइजर. जब मजदूरों से बात की तो उन्होंने भी कोरोना के खतरे को लेकर अपनी चिंता जताते हुए अधिकारियों की मनमानी को दोषी ठहराया. कास्ठागार के रेंजर श्रीमाली ने माना कि उनकी जान को खतरा है, लेकिन उनके ऊपर उच्चाधिकारी है जिनकी ओर से कार्यालय में किसी भी प्रकार से लिखित आदेश नहीं आया है.
रेंजर की मानें तो मास्क की व्यवस्था की जा रही है, लेकिन पर्याप्त संख्या में नहीं मिल रही है. बहरहाल, एशिया के दूसरे नंबर का काष्ठागार में वन परिक्षेत्र अधिकारी की घोर लापरवाही ने सैकड़ो मजदूरों की जान खतरे में डाल रखा है .