गौरव जैन, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही। गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिला बनने के बाद पहली बार राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है. लेकिन आयोजन में जिस तरह की अव्यवस्था देखने को मिली उसमें बच्चों से ज्यादा अधिकारी पुरस्कार के हकदार नजर आ रहे हैं, जिन्होंने रात के अंधेरे में फ्लैश लाइट की रोशनी में बच्चों को दौड़ा दिया.

कहने को तो राज्य स्तरीय प्रतियोगिता है, लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी और जिला खेल अधिकारी ने अपनी कार्यशैली और लापरवाही की वजह से अत्यंत निम्न स्तर का बना दिया है. बात हो रही है रिले रेस की, जिसमें अंडर 19 बॉयज को फ़्लैश लाइट के सहारे दौड़ाया गया. यह सब तब हुआ, जब मंच पर जिला खेल अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी विराजमान थे. वीडियो में स्पष्ट तौर से देखा जा सकता कि बच्चों को लापरवाही पूर्वक जानबूझकर रात के अंधेरे में दौड़ाकर इतनी बड़ी खेल प्रतियोगिता का मजाक बनाया गया है.

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लापरवाही यहीं नहीं थमती है, पोल वाल्ट खेल प्रतियोगिता में पोल की जगह बांस के डंडे से प्रतियोगिताओं को संपन्न करा दिया गया. बात यहीं नहीं थमी राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में दुनिया का पहला ऐसा हर्डल रेस (बाधा दौड़) करा दिया, जिसमें सभी प्रतियोगी एक ही ट्रेक में सभी दौड़े. इस संबंध में जब जिला खेल अधिकारी सीमा डेविड से सवाल किया गया तो पहले उसने जानकारी होने से इंकार कर दिया, फिर उन्होंने बताया कि अंधेरा कुछ ज्यादा हो जाने के कारण अगले दिन सुबह 8 बजे पुनः प्रतियोगिया करवाने का निर्णय लिया गया है.

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