नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने पुरानी आबकारी नीति को छह महीने बढ़ाने का फैसला लिया है. यह तीसरी बार है, जब मौजूदा पॉलिसी को आगे बढ़ाया जा रहा है. यह 30 सितंबर को खत्म हो रही है. इसको लेकर प्रस्ताव उपराज्यपाल वीके सक्सेना के पास भेजा गया है, जहां से मंजूरी मिलने के बाद लागू कर दिया जाएगा.

मौजूदा पॉलिसी छह महीने के लिए बढ़ाए जाने के साथ ही आबकारी विभाग से लाइसेंस लेने वाले होटल, बार और अन्य प्रतिष्ठानों को भी अब टैक्स भरकर लाइसेंस का नवीनीकरण कराना होगा. दिल्ली में करीब 620 दुकानों के माध्यम से शराब की बिक्री की जा रही है. भविष्य में इन दुकानों की संख्या बढ़ाकर सात सौ किए जाने की तैयारी है.

एक्साइज विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नई आबकारी नीति पर अभी भी काम चल रहा है और उसे अंतिम रूप देने में कुछ महीनों का समय और लग सकता है. चूंकि, पुरानी आबकारी नीति की समय सीमा 30 सितंबर को खत्म हो रही है, उसी को देखते हुए फिलहाल इस समय सीमा को 6 महीने के लिए और बढ़ाया जा रहा है, ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था पैदा ना हो. इससे पहले इसी साल मार्च में भी पुरानी एक्साइज पॉलिसी को 6 महीने के लिए एक्सटेंड किया गया था. दरअसल, नई आबकारी नीति के विवादों में आने के बाद पिछले साल जुलाई में ही सरकार ने उस पॉलिसी को वापस ले लिया था.

प्रीमियम श्रेणी के ब्रांड उपलब्ध नहीं

मौजूदा पॉलिसी लागू होने के बाद कई विदेशी और महंगी प्रीमियम श्रेणी की शराब उपलब्ध नहीं है. अब आगे भी माना जा रहा है कि इन ब्रांड्स के आने की संभावना बेहद कम है. सूत्रों का कहना है कि एक फ्रेंच कंपनी का नाम शराब घोटाले में आया था, अब उसी से जुड़े हुए अधिकांश ब्रांड बाजार में उपलब्ध नहीं है. घोटाले में नाम आने के बाद से कंपनी ने दिल्ली के अंदर अपना कोई ब्रांड पंजीकृत नहीं कराया.

दूसरा कारण यह भी है कि पुरानी नीति के तहत लंबी अवधि के लिए शुल्क जमा कराया जाता है, जबकि यह निश्चितता नहीं है कि पॉलिसी को आगे भी जारी रखा जाएगा. अगर यह तस्वीर साफ हो कि पॉलिसी पूरे वर्ष के लिए है तो लोग टैक्स भरने को भी तैयार है.