रायपुर। राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के हितग्राहियों को गणतंत्र दिवस के अवसर पर पहली किश्त का भुगतान किया जाएगा. इस योजना से प्रदेश के 3 लाख 56 हजार 485 पात्र परिवार लाभान्वित होंगे. इन परिवारों को सालाना 6 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को अपने निवास कार्यालय में आयोजित विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक में यह घोषणा की.

राज्य सरकार द्वारा राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के लिए 1 सितम्बर 2021 से 30 नवम्बर 2021 तक हितग्राहियों का पंजीयन किया गया था. इस योजना के क्रियान्वयन के लिए राज्य शासन के बजट मे का प्रावधान किया गया है.

इस अवसर पर कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, विनोद वर्मा और राजेश तिवारी, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव रेणु जी पिल्ले और सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव डाॅ. आलोक शुक्ला, कृषि उत्पादन आयुक्त डाॅ. कमलप्रीत सिंह, सचिव वित्त श्रीमती अलरमेल मंगई डी., राजस्व सचिव श्री एन.एन.एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी, गोधन न्याय योजना के नोडल अधिकारी डाॅ. एस. भारतीदासन सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

मुख्यमंत्री बघेल ने इसके अलावा शहरी किरायेदार को भूमिस्वामी हक पर मकान उपलब्ध कराने के लिए नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि प्राइवेट कालोनियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आरक्षित 15 प्रतिशत भूमि कालोनाइजरों द्वारा नगरीय निकायों को हस्तांतरित की गई है. उन्होंने इस भूमि का लाभ कमजोर आर्थिक वर्ग के लोगों को की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए.

मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि स्व-सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों को मार्केट से लिंकेज उपलब्ध कराया जाना चाहिए, जिससे उन्हें अच्छा बाजार मिले और महिलाओं की आय में बढ़ोतरी हो सके. उन्होंने कहा कि मार्केट सर्वे कर यह जानकारी ली जाए कि बाजार में किन वस्तुओं की मांग है. मांग के आधार पर गौठानों में महिला समूहों द्वारा उत्पाद तैयार कराए जाए. मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों में महिला समूहों को सोलर पैनल तैयार करने का प्रशिक्षण देकर उनसे सोलर पैनल तैयार कराये जाएं. हालर और पेराई के लिए एक्सपेलर जैसी मशीनें अनुदान पर स्व-सहायता समूहों को उपलब्ध कराई जाए.

भूपेश बघेल ने कहा कि महिला समूहों के माध्यम से कोरबा, कांकेर और कोंडागांव जिले में वनौषधियों को तैयार कराने, बीजापुर और सुकमा जिले में लघु वनोपजों के प्रसंस्करण से ऐसे उत्पाद तैयार कराए जाएं, जिनकी बाजार में अच्छी मांग है. महिला समूहों के उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बाजार दिलाने के लिए संबंधित क्षेत्रों की अच्छी कंपनियों से सहयोग लिया जाए और उनके गुणवत्ता मानकों के अनुसार उत्पाद तैयार कराए जाएं. उन्होंने कहा कि कौशल विकास योजना के अंतर्गत युवाओं को ऐसे ट्रेड में प्रशिक्षित किया जाए, जिनमें रोजगार के अच्छे अवसर हैं और जिनकी अच्छी मांग है.

मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग की समीक्षा के दौरान नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन के लंबित प्रकरणों का तेजी से निराकरण करने के निर्देश दिए. उन्होंने नारंगी वनों के संयुक्त सर्वे का कार्य जल्द पूरा करने और नारंगी वनों को डिनोटिफाई करने के लिए भूमि के चिन्हांकन कर राजस्व भूमि में परिवर्तित करने के लिए कार्ययोजना तैयार करने को कहा और इसके लिए राजस्व और वन विभाग की अधिकारियों की संयुक्त बैठक आयोजित करने के भी निर्देश दिए.