नई दिल्ली: भारतीय धाबिका दुती चंद ने समलैंगिक विवाह (Gay Marriage) को कानूनी मान्यता नहीं देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा है कि इस फैसले से उनकी शादी की योजना बाधित हो गई है.
दुती, जो 2019 में समलैंगिक के रूप में सामने आईं और खुलासा करने वाली पहली भारतीय एथलीट बनीं; समलैंगिक संबंध को लेकर आशावादी हैं कि संसद एक ऐसा कानून पारित करेगी जो समान-लिंग विवाह की अनुमति देता है.
धाबिका दुती की कानून पारित करने की मांग
दुती ने कहा “मैं अपनी पार्टनर मोनालिसा से शादी करने की योजना बना रहा हूं. लेकिन शीर्ष अदालत के फैसले ने सभी योजनाओं पर पानी फेर दिया है. मैं मोनालिसा के साथ पांच साल से रह रहा हूं. हम एक साथ खुश हैं और वयस्क होने के नाते हमें अपने फैसले खुद लेने का पूरा अधिकार है. हमें उम्मीद है कि संसद समलैंगिक विवाह की अनुमति देने वाला कानून पारित करेगी,” .
भारत न्यायाधीश का फैसला
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ. चंद्रचूड़ की पीठ ने मंगलवार को समलैंगिक विवाह को कोई कानूनी मंजूरी देने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने 3:2 के बहुमत से फैसला देते हुए कहा कि किसी नागरिक संघ को संविधान के तहत मान्यता नहीं दी जा सकती. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ द्वारा दिए गए फैसले में कहा गया कि शादी करने का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं है बल्कि विधायिका का निर्माण है.
गौरतलब है कि 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने सहमति से वयस्कों के बीच समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने वाली भारतीय दंड संहिता की धारा 377 को रद्द कर दिया था.
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