कोरिया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशों एवं मार्गदर्शन के अनुपालन में जिला प्रशासन द्वारा आम नागरिकों की सुविधा के लिए निरंतर राजस्व प्रकरणों का निराकरण किया जा रहा है. जिले में विशेष शिविर भी आयोजित किए गए, जिससे ग्राम स्तर पर ही लोगों की मांगों और आवश्यकताओं का समाधान हो सके. इन्हीं प्रयासों के परिणामस्वरूप जिले में राजस्व प्रकरणों के निराकरण में बेहतर प्रगति दर्ज की गई है.

राजस्व प्रकरणों के निराकरण की स्थिति पर एक नजर
सीमांकन प्रकरण के निराकरण में कोरिया जिले को राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है. यहां कुल 3704 सीमांकन प्रकरण 99.60 प्रतिशत निराकृत किए गए. व्यपवर्तन से सम्बंधित 373 निराकृत किए गए हैं, जिले का व्यपवर्तन प्रतिशत 92.56 है. अविवादित खाता विभाजन बंटवारा प्रकरणों के 663 प्रकरण निराकृत हैं. जिले का निराकरण प्रतिशत 82.88 है.अविवादित नामांतरण प्रकरण के 5046 मामले निराकृत किए गए हैं, जिले का निराकरण प्रतिशत 80.92 है. विवादित खाता विभाजन से सम्बन्धित 1507 तथा विवादित नामांतरण के 2530 प्रकरण निराकृत किए गए हैं, वहीं वृक्ष कटाई हेतु 19 मामले निराकृत हैं.

सीमांकन के आवेदनों पर हुई तत्काल कार्रवाई
विकासखण्ड खड़गवां के ग्राम नेवरी के भोला गोड़ ने बताया कि उन्होंने तहसील कार्यालय में भूमि सीमांकन के लिए आवेदन दिया था जिस पर राजस्व टीम द्वारा 8 जून को भूमि का सीमांकन किया गया. वहीं मनेन्द्रगढ़ क्षेत्र के वाजिद सिरौली ने बताया कि सीमांकन के लिए आवेदन करने पर तत्काल कार्रवाई करते हुए राजस्व टीम ने भूमि का सीमांकन किया. जिससे उन्हें जमीन से जुड़े निजी कामों में सहूलियत हुई है.

बंटवारे की थी जरूरत तुरंत मिला समाधान
विकासखण्ड खड़गवां के ग्राम पंचायत तामडाण्ड के बलराम सिंह ने बताया कि छोटे भाई और मैंने समाधान तुंहर दुआर शिविर में अप्रैल माह में बंटवारा हेतु आवेदन किया था. प्रशासन की टीम ने कार्रवाई करते हुए शिविर स्थल में ही प्रकरण दर्ज किया गया और बंटवारे का समाधान सुनिश्चित किया गया. हमारी जरूरत का हल हुआ और इससे अब हम शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ भी ले पा रहे हैं.
ग्राम गिद्धमूड़ी के बसन्त सिंह ने फौती नामांतरण हेतु शिविर में 25 मार्च 2022 को आवेदन दिया. तुरंत ही प्रकरण दर्ज किया गया और इश्तहार की प्रक्रिया सुनिश्चित की गई, जिसके बाद 12 अप्रैल को उन्हे नामांतरण का आदेश प्राप्त हो गया.

वहीं ग्राम पोड़ी के प्रेमसिंह भी बताते हैं कि, उन्होंने भी राजस्व शिविरों में अप्रैल माह में फौती नामांतरण हेतु आवेदन किया था. स्थानीय प्रशासन की टीम ने फौती नामांतरण की समस्त प्रक्रिया की जानकारी भी दी, जिसके बाद मई माह के पहले ही सप्ताह में उनके प्रकरण का समाधान हो गया.

समाधान तुंहर दुआर शिविर में इतने प्रकरणों का हुआ निराकरण
जिले के 435 ग्राम पंचायतों में आयोजित समाधान तुंहर दुआर शिविरों में विभिन्न राजस्व प्रकरणों नामांतरण, सीमांकन बंटवारा, ऋण पुस्तिका, अभिलेख दुरुस्ती, बंदोबस्त त्रुटि सुधार तथा अन्य मामलों आरबीसी 6-4 के प्रकरणों, निवास प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र, आय प्रमाणपत्र, ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र से सम्बंधित 5214 आवेदन मिले जिनमें से 5006 आवेदन निराकृत किए गए.

कोविड-19 से परिजनों को खो चुके परिवारों को सहायता राशि
कोरोना वायरस संक्रमण से अपने परिजनों को खो चुके परिवारों की सहायता के लिए राज्य शासन द्वारा राज्य आपदा मोचन निधि से आर्थिक अनुदान सहायता उपलब्ध कराने की पहल की गई. जिस पर संवेदनशीलता से अमल करते हुए जिले में कोविड 19 से मृतकों के वारिसों को कुल 1.47 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान किया गया है.

आरबीसी 6-4 के प्रकरणों का जल्द निराकरण कर परिजनों की मदद
विगत तीन वर्षाे में प्राकृतिक आपदा से 543 मृतकों के वारिसों के लिए 21 करोड़ 14 लाख 50 हजार रुपए की राशि स्वीकृत है. जिनमें जनवरी 2021 से अप्रैल 2022 तक 325 प्रकरण के अंतर्गत 12 करोड़ 55 लाख 50 हजार रुपए की राशि स्वीकृत है.

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