अमृतांशी जोशी,भोपाल। मध्य प्रदेश के दो बड़े शहर भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू हैं, जिसके एक साल पूरे हो गए हैं. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भोपाल कमिश्नर कार्यालय में कमिश्नर प्रणाली की समीक्षा की. नरोत्तम मिश्रा ने कहा समीक्षा के बाद प्रदेश के अन्य जिलों में भी कमिश्नरेट सिस्टम लागू करने के लिए मुख्यमंत्री से चर्चा करेंगे. कमिश्नरेट लागू होने से क्राइम कंट्रोल हुआ है. आशा, सृजन और मुस्कान अभियान से पुलिस ने अपनी सामाजिक छवि बनाई.
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मुस्कान अभियान के तहत भोपाल में 12 दिन में 552 लड़कियों को वापस लाया गया. 667 बच्चियों को इंदौर में वापस लाया गया. सिर्फ भोपाल में ही दो हजार वारंटी और अपराधी एक रात में पकड़े गए. 1800 वारंटी इंदौर में एक रात में पकड़े गए. साइबर क्राइम में एक करोड़ 14 लाख से ज्यादा रुपये बरामद किया. इंदौर में तीन करोड़ रुपए लोगों को वापस दिलाएं. महिला सुरक्षा की दिशा में पुलिस ने अच्छा काम किया. बच्चियों को बैड टच गुट टच के बारे में बताया गया. संगठित अपराधों पर लगाम लगा है.
वहीं कमिश्नरेट सिस्टम के 1 साल पूरे होने पर बड़ा फैसला लिया गया है. इंदौर और भोपाल में अब जनता थानों की रैंकिंग करेगी. थाने में आने वाले लोगों से कमिश्नर फोन पर फीडबैक लेंगे. शिकायत करने वालों से पूछा जाएगा कि थाने में व्यवहार कैसा था, क्या समस्या थी. थानों की रैंकिंग लोगों के फीडबैक के आधार पर कमिश्नर तय करेंगे. भोपाल पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर ने बताया कि भोपाल में आदतन अपराधियों के अपराध में 50% तक कमी आई है.
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