वीरेन्द्र गहवई, बिलासपुर। प्रदेश में बढ़ रहे ऑनलाइन सट्टा के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट में होगी। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में इस संबंध में दायर जनहित याचिका को शीर्ष अदालत ने अन्य संबंधित मामलों के साथ जोड़ते हुए सुनवाई के ट्रांसफर कर लिया है। जिसके बाद अब इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में की जाएगी।

प्रदेश में पिछले कुछ समय से ऑनलाइन सट्टा, खासकर बहुचर्चित महादेव सट्टा एप को लेकर कई आपराधिक और राजनीतिक चर्चाएं हो चुकी हैं। इसी कड़ी में दायर जनहित याचिका में कहा गया था कि छत्तीसगढ़ में सक्रिय कई ऑनलाइन सट्टा एप राज्य के जुआ प्रतिषेध अधिनियम 2022 का खुला उल्लंघन कर रहे हैं और प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। ऐसे एप के माध्यम से करोड़ों का सट्टा राज्य और देश के विभिन्न राज्यों में संचालित किया जा रहा है। इसकी चपेट में कई लोग बर्बाद हो चुके, लेकिन इस पर न प्रतिबंध लग पा रहा न संचालित करने वालों पर पुख्ता कार्रवाई हो पाई।

हाईकोर्ट में याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान न्यायालय ने राज्य शासन, केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई और गृह सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। याचिकाकर्ता ने अदालत के समक्ष यह भी कहा कि इन ऑनलाइन सट्टा एप्स के जरिए प्रदेश में आर्थिक, सामाजिक और नैतिक क्षरण हो रहा है, जो कि गंभीर चिंता का विषय है। इस बीच देश के अन्य हिस्सों में भी ऑनलाइन सट्टेबाजी के मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गईं थीं। सुप्रीम कोर्ट ने सभी संबंधित मामलों को एक साथ संज्ञान में लेते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में लंबित याचिका पर भी अन्य याचिकाओं के साथ सुनवाई करने का निर्णय लिया है।

सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर होने वाली सुनवाई न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि देश भर में चल रहे ऑनलाइन सट्टे के खिलाफ कार्रवाई की दिशा तय करने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।