भोपाल, सदफ हामिद। मध्य प्रदेश में सरकारी विभागों में सीधी भर्ती के फैसले का विरोध होने लगा है. एमपी कर्मचारी मंच ने इसके खिलाफ मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा है. मंच ने मांग की है कि सरकारी, अर्द्ध सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर पहले 48 हज़ार स्थाईकर्मी, दैनिक वेतन भोगी, संविदा कर्मी, कंप्यूटर, ऑपरेटर एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की जाए. जिससे इन कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिल सके. दरअसल, मध्यप्रदेश में 62 सरकारी विभागों में एक लाख से ज्यादा पद रिक्त हैं. जिस पर सरकार ने सीधी भर्ती करने का फैसला लिया है.

इसे भी पढ़ें ः महात्मा गांधी की राह पर एमपी कांग्रेस, मध्यप्रदेश में पदयात्रा दौर की हुई वापसी

कर्मचारी मंच का कहना है कि अगर हमारी मांगे नहीं मानी गई तो 13 सितंबर को प्रदेश भर के कर्मचारी मंच के प्रदेश पदाधिकारियों, जिला अध्यक्षों, ब्लॉक अध्यक्षों, विभागीय समिति के अध्यक्ष, संविदा कर्मचारियों, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों, कंप्यूटर ऑपरेटर प्रतिनिधियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भोपाल में बड़ी बैठक बुलाई गई है. जिसमें मांगे पूरी करवाने की रूपरेखा बनाई जाएगी.

इसे भी पढ़ें ः बाबा महाकाल की निकली शाही सवारी, केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने किया अभिषेक, देखें VIDEO

कहां कितने पद खाली..?

मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के मुताबिक़ सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग में 10345 पद, गृह विभाग में 7661 पद, स्वास्थ्य विभाग में 35000 पद, जनजाति विभाग में 65000 पद, वन विभाग में 7425 पद, राजस्व विभाग में 5000 पद, कृषि विभाग में 2500 पद, एवं महिला बाल विकास विभाग में 13000 पद, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में 12000 पद, समेत अलग-अलग सरकारी विभागों में 1 लाख से ज्यादा पद खाली हैं.

इसे भी पढ़ें ः MP की बीजेपी सरकार विश्वविद्यालय के कुलपति का बदलेगी पदनाम, अब कहलाएंगे…, कांग्रेस ने कहा- इससे क्या समस्याएं हल हो जाएंगी?