राजिम। छत्तीसगढ़ के मेले दुनियाभर में मशहूर हैं. यहां की रंग-बिरंगी संस्कृति यहां से बाहर के लोगों को भी बरबस आकर्षित कर लेती है. ऐसा ही एक महोत्सव है – ‘मातर महोत्सव’. दीपावली के बाद छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचलों के लोग इसे बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं.

गरियाबंद जिले के अतरमरा गांव में भी मातर महोत्सव का आयोजन यादव समाज के लोगों ने किया. इस मौके पर सुबह से ही लोगों ने राउत नाचा किया. साथ ही गायों की पूजा-अर्चना की गई. इसमें खीर को प्रसाद के रूप में लोगों के बीच बांटा गया. साथ ही गाय के गोबर का तिलक एक-दूसरे को लगाया गया.

मातर महोत्सव को देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं. बता दें कि सुबह से लेकर रात तक राउत नाचा और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. साथ ही शौर्य प्रदर्शन के लिए अखाड़े का भी आयोजन होता है.

अतरमरा गांव में आयोजित मातर महोत्सव में पूर्व मंत्री अमितेश शुक्ला, पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष सूरज मिश्रा के साथ ही भारी संख्या में लोग मौजूद रहे. आयोजकों ने बताया कि गांव में सालों से मातर महोत्सव का आयोजन किया जाता है. उन्होंने कहा कि इसमें सरकार को भी मदद करनी चाहिए, ताकि छत्तीसगढ़ की परंपराएं जीवित रह सकें.