नई दिल्ली। केजरीवाल सरकार द्वारा स्कूलों में चलाए जा रहे बिजनेस ब्लास्टर प्रोग्राम के 50 हजार स्टार्ट अप में से 1 हजार स्टार्ट अप शॉर्टलिस्ट होकर दूसरे राउंड में पहुंच गए हैं. अगले चरण में 100 स्टार्ट अप शॉर्टलिस्ट किए जाएंगे और फिर एक बिजनेस कार्निवल के माध्यम से ये स्टार्ट अप अपने लिए फंड इकट्ठा करेंगे. इन स्टार्ट अप को बिजनेस बढ़ाने और उसे सफल बनाने के गुर सिखाने के लिए ऑनलाइन मास्टर क्लास का आयोजन किया गया. इस मास्टर क्लास में देश के दो सफल उद्यमियों ‘इनोवेट को-वर्किंग’ के रितेश मलिक और ‘कैश करो’ और ‘अर्न करो’ स्टार्ट अप की को-फाउंडर स्वाति भार्गव ने बिजनेस मंत्र दिए. इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि केजरीवाल सरकार के स्कूलों के बिजनेस ब्लास्टर्स अपने देश को फिर से सोने की चिड़िया बनाएंगे. ये देश में ऐसी कंपनी खड़ी करेंगे, जिसमें अमेरिका और जापान के नौजवान काम करने का सपना देखेंगे. उन्होंने कहा कि दुनिया में पहली बार स्कूलों में इतने बड़े पैमाने पर स्टार्ट अप को लेकर कोई कार्यक्रम शुरू हुआ है. ये कार्यक्रम जबरदस्त हिट है.

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बिजनेस ब्लास्टर्स से संवाद के दौरान ‘इनोवेट को-वर्किंग’ के रितेश मलिक ने छात्रों को अल्केमिस्ट बनने के मंत्र दिए. उन्होंने कहा कि देश में स्टार्ट अप का ये सही वक्त है. देश के स्टार्ट अप आज अमेरिका और दूसरे देशों तक अपने बिजनेस को फैला रहे हैं. अब वक्त आ गया है कि तकनीक की बदौलत हिंदुस्तानी उद्यमी दुनिया पर राज करेंगे. रितेश मलिक ने कहा कि किसी भी बिजनेस को सफल बनाने के लिए जरूरी है तीन चीजें; बिजनेस आइडिया की पहचान, रिस्क लेने की इच्छाशक्ति और आइडिया पर काम करने का जज़्बा. और जब तीनों एक साथ मिल जाते हैं तो बिजनेस बढ़ता चला जाता है, लेकिन उसको और बढ़ने के लिए जरूरी है कि बिजनेस से सिर्फ पैसा कमाने के बारे में ना सोचें, बिजनेस आइडिया को सामाजिक दायित्वों से जोड़ने से अभूतपूर्व सफलता मिलती है.

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शॉर्ट लिस्टेड बिजनेस ब्लास्टर्स को सफल बिजनेस के मंत्र देते हुए ‘कैश करो’ और ‘अर्न करो’ स्टार्ट अप की को-फाउंडर स्वाति भार्गव ने उनको बिजनेस के लिए फंड जुटाने के तरीके सिखाए. उन्होंने कहा कि अपना देश भारत दुनिया में सबसे बड़ा बाजार है. अगर ठीक से प्लानिंग कर ली जाए, तो किसी भी सॉलिड आइडिया के दम पर  बिजनेस को आगे बढ़ा सकते हैं. उन्होंने कहा कि बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी है एक शानदार टीम का होना. टीम के दम पर एक छोटा स्टार्टअप बड़ी कंपनी बन सकता है.

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शॉर्ट लिस्ट किए गए 1 हजार स्टार्टअप से जुड़े हुए छात्रों को बधाई देते हुआ कहा कि आप लोगों ने अपने आइडिया और मेहनत के बल पर पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा है. ये दुनिया का पहला स्कूल स्टार्ट अप प्रोग्राम है, जिसे इतने बड़े पैमाने पर लॉन्च किया गया. 3 लाख बच्चों और 50 हजार स्टार्ट अप  में से 1 हजार बिजनेस आइडिया को शॉर्ट लिस्ट किया गया है, ये अद्भुत है. उन्होंने कहा कि जब मैंने सीड मनी के अनाउंस किया तो लोगों ने काफी आलोचना की. कहा गया कि सरकारी स्कूल के बच्चों को, गरीब परिवार के बच्चों को 60 करोड़ रुपया दिया जा रहा है, ये बर्बाद हो जाएगा लेकिन तमाम आलोचना के बावजूद मुझे आप पर भरोसा था. आपकी क्रिएटिव सोच और आपकी लगन पर भरोसा था और लोअर मिडिल क्लास और गरीब परिवार के बच्चों ने मेरे भरोसे को सच कर दिखाया है. झटपट साड़ी बनाने के लिए ग्रुप बना, शुद्ध मसालों के लिए एक ग्रुप बना, वेंडिंग मशीन बनाना, फूलों के वेस्ट से अगरबत्ती बनाना, ऑर्गेनिक घी से लेकर ड्राइवर के लिए ऐसे चश्मे बनाना जिसमे झपकी आने पर अलार्म बज जाएगा, सारे आइडिया अद्भुत हैं.
Business Blasters program
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि 600 लोगों ने 11 करोड़ का इन्वेस्टमेंट किया है इन स्टार्ट अप में। ये बड़ी बात है. अगले चरण में 100 ग्रुप आगे जाएंगे और उसके अगले चरण में 10 से 20 ग्रुप फाइनल में पहुंचेंगे. केजरीवाल सरकार ने बेहतरीन आइडिया को आगे ले जाने वाले बच्चों की पढ़ाई के लिए दिल्ली की नामचीन यूनिवर्सिटी में बिना एंट्रेंस एग्जाम के एडमिशन के लिए 400 सीट सुरक्षित रखी है.  उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम को शुरू करने के पीछे हमारा दो मकसद था. एक तो हमारा देश विकासशील देश है, हमें इसको विकसित देश बनाना है. हमने अब तक अपनी शिक्षा से जॉब सीकर्स पैदा किए, जॉब प्रोवाइडर्स नहीं. तो हमारा मकसद है कि हमारे देश में ऐसी कंपनी बने जब दुनिया की बड़ी यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले बच्चे ये सोचें कि हमें भारत की इस कंपनी का काम करने का अवसर मिले तो बढ़िया रहे. मुझे उम्मीद है कि इन 1 हजार स्टार्ट अप में से कुछ कंपनी ऐसी बनेंगी, जो विदेशों के बच्चों को भी लुभाएंगी. दूसरा मकसद है कि हमारा देश युवा आबादी वाला देश है, लेकिन नौकरी ढूंढ रहे हैं. इसे बदलना है, हमें जॉब प्रोवाइडर बनना है.

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उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा देश सोने की चिड़िया था लेकिन आज 22 फीसदी लोग 900 रुपए प्रति माह पर गुजारा कर रही है. सोने की चिड़िया के देश को आज ये हालात का सामना करना पड़ रहा है, तो कहीं न कहीं चूक हुई है. हमने कुछ बच्चों को एजुकेशन दी भी तो उनको जॉब सीकर्स बना दिया. उनमें आंत्रप्रेन्योर माइंडसेट नहीं डेवलप किया. आप इस देश को दोबारा सोने की चिड़िया बनाएंगे. स्वाती जी और रितेश जी! इन्हीं बच्चों में बड़ा उद्यमी निकलेगा, थोड़ा इनको हैंड होल्डिंग की जरूरत है. ये बच्चे एक ऐसा देश बनाएंगे जिसका सपना अरविंद केजरीवाल जी ने देखा है. कालकाजी की एमएलए आतिशी ने शॉर्ट लिस्ट हुए बच्चों को बधाई दी. साथ की कहा कि जो बच्चे शॉर्ट लिस्ट नहीं हुए हैं उन्हें निराश होने की जरुरत नहीं है. उन्होंने इस दौरान बहुत कुछ सीखा है. बिजनेस ब्लास्टर प्रोग्राम ना सिर्फ बच्चों के भविष्य के लिए बल्कि देश के भविष्य को भी उज्ज्वल बनाएगा.

‘इनोवेट को-वर्किंग’ के रितेश मलिक ने रितेश मलिक ने कहा कि दुनिया में जितने बड़े उद्यमी हैं, उनमें 100 में से 77 लोग पहली बार उद्यमी थे और इनमें से अधिकतम वो लोग थे जिन्होंने कभी कॉलेज का गेट तक नहीं देखा. आज जरूरी है कि खुद पर भरोसा करें. आज किसी भी चीज से ज्यादा जरूरी है बच्चे में आंत्रप्रेन्यूरशिप कोशेंट का होना. आज इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप कहां से आते हैं, रंग से फर्क नहीं पड़ता, अंग्रेजी जानना जरूरी नहीं है सफल होने के लिए. हम कहीं से भी आते हैं कौन हैं ये जरूरी नहीं है. सफल होने के लिए जरूरी है तीन बातें. ध्यान से चीजों को ऑब्जर्व करना जरूरी है. जहां कमी है अगर आप उसको पहचान लिए तो जबरदस्त काम होगा. हमने ऐसे ही एक आइडिया पर काम करना शुरू किया और 4 से 5 हजार रुपए किराए में लोगों को देश के 45 शहरों में प्राइम लोकेशन पर ऑफिस उपलब्ध कराए. आज मेरे अकाउंट में 250 करोड़ है, क्योंकि मैंने एक सपना देखा और एक आइडिया पर काम किया, साथ ही जरूरी है कि आपका प्रोडक्ट डायनेमिक हो, साथ ही इनोवेशन पर काम करना है. दूसरा, बोल्डनेस जरूरी है. आइडिया आपके पास है तो आप कुछ भी कर सकते हैं. आपके अंदर रिस्क लेने और बड़ा सोचने का माद्दा होना चाहिए. तीसरा, पैशन जरूरी है. जब आइडिया मिल जाए तो उसे बोल्डनेस और पैशन के साथ करना शुरू कीजिए.

पिछले 3 महीनों से दिल्ली के सरकती स्कूलों में बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोजेक्ट चल रहा है. इस प्रोजेक्ट में लगभग 3 लाख छात्रों ने भाग लिया, 50 हजार आइडिया के साथ नए स्टार्टअप बने, जिनको सरकार ने 60 करोड़ की सीड मनी दी. बिजनेस ब्लास्टर का पहला राउंड खत्म हो चुका है. 50 हजार स्टार्टसअप में से राउंड 2 के लिए जोन स्तर पर बनाए गए पैनल द्वारा 1000 टीम को शॉर्टलिस्ट किया गया है. इन 1000 टीमों को कोच सौंपे जाएंगे, जो उनका मार्गदर्शन करेंगे और इन टीमों को ईएमसी केंद्रीय टीम द्वारा सहायता सामग्री/सामग्री भी प्रदान की जाएगी. अगले एक महीने तक अपने कोच के साथ उनके विचारों पर काम करने के बाद शीर्ष 100 स्टार्टसप को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा, जिन्हें एक्सपो स्टाइल एंटरप्रेन्योरशिप कार्निवल में भाग लेने और देश भर के निवेशकों और उद्यमियों से मिलने का मौका मिलेगा. अंतिम दौर के लिए शीर्ष 10-20 टीमों को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा, जिन्हें निवेशकों से अपने स्टार्टअप के लिए धन जुटाने और डीटीयू, एनएसयूटी और आईजीडीटीयूडब्ल्यू जैसे विश्वविद्यालयों में सीधे प्रवेश प्राप्त करने के लिए मिलेगा.