पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद. फसल खेत में खड़ी है पर किसान ओडिशा का धान घरों में डंप करा चुके हैं. एसडीम ने अब तक 3 गांव में छापेमारी कर 708 बोरा धान जब्त किया है. इसकी कीमत 5 लाख रुपए बताई जा रही. हर साल की भांति इस साल भी समर्थन मूल्य में ओडिशा का धान खपाने की तैयारी बिचैलियों से मिलकर ऐसे किसान कर रहे, जिनका उत्पादन कम होता है या फिर रकबे में दूसरी फसल लगाकर धान का पंजीयन कराने में कामयाब हो जाते हैं.

इस बार एक माह पहले धान खरीदी शुरू हो रही है. ऐसे में इलाके में ज्यादातर फसल अब तक कटी नहीं है. आज से सीमावर्ती इलाके के 28 रास्तों पर चेक पोस्ट शुरू हो जाएगा. यंहा पर ओडिशा से आने वाले धान को रोकने का काम किया जाएगा. इसी प्रतिबंध के डर से ओडिशा से पहले से धान लाकर घरों में डंप कर दिया गया है पर एसड़ीएम अर्पिता पाठक की छापेमारी शैली में चल रही कार्यवाही से लगता है बोगस बिक्री करने वाले अपने मंसूबे में सफल नहीं हो सकेंगे.

पिछले 4 दिनों से लगातार कार्यवाही चल रही है. पहले दिन सुपेबेडा में 4 किसान के घर से 243 बोरा के अलावा सीमा पार करते पिकअप में लदे 65 बोरा धान जब्त किया गया. एसडीएम की कार्यवाही 30 व 31 अक्टूबर को भी जारी रही. इन दो दिनों में दहिगांव से एक घर में ही 330 बोरा व खम्हार गुडा से 70 बोरा धान जब्त किया गया है.

एसडीएम पाठक ने बताया कि कार्यवाही से पहले पटवारी भौतिक सत्यापन कर रहे, जिनके खेत में फसल नहीं काटे गए हैं पर घरों में धान मिल रहे, वैसे धान को जब्त किया जा रहा है. यह कार्यवाही लगातार जारी रहेगी. सीमावर्ती इलाके के कई गांव से सूचना मिली है, उसकी तस्दीक कर रहे हैं. पुष्टि होते ही कार्यवाही होगी.

ओडिशा में भारी उत्पादन वाले सीमा से लगा है हमारा इलाका
ओडिशा के कालाहांडी नवरंगपुर व नुवापडा जिले के सीमा से देवभोग व अमलीपदर तहसील लगा हुआ है. सीमा को जोड़ने वाले 40 से भी छोटे बड़े रास्ते हैं. ओडिशा के इन जिलों में धान को दोहरी फसल लिया जाता है. वहां की धान खरीदी प्रणाली भी जटिल है. 1800 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर मिलर्स को बेचा जाता है. मूल्य में कटौती व भुगतान प्रक्रिया भी सरल नहीं है. ऐसे में किसान छतीसगढ़ के बिचैलियों को 1500 रुपए क्विंटल में बेच देते हैं. इस बार छतीसगढ़ सरकार 2800 रुपए क्विंटल में धान खरीदी कर रही है. ऐसे में बिचैलिए ऊंचे दाम पर खपा रहे हैं. यहां किसानों को फिलहाल 1800 रुपए क्विंटल तक दे रहे हैं.


3 साल में पिकअप वाहन की संख्या 3 गुना बढ़ी
सीमावर्ती हमारे तहसील में 3 साल पहले तक 70 से 80 पिकअप वाहन था पर अब बढ़कर 250 से ज्यादा हो गई है. इनमें से 68 नए पिकअप हैं, जो पिछले 2 वर्षों में फाइनेंस हुए, जबकि ज्यादातर पिकअप ओडिशा पासिंग नंबर के सेकेंड हैंड खरीदी किए गए हैं. पिछले 15 दिनों में इलाके के 30 गांव में 10 हजार बोरा धान रात के अंधेरे व पहट में डंप किए जा चुके हैं. प्रसाशन की इस कार्यवाही के बाद से हड़कंप मचा हुआ है.

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