सुप्रिया पांडे,रायपुर। राजधानी रायपुर के मैग्नेटो मॉल में आयोजित पेंटिंग प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने पेंटिंग के माध्यम से अपनी कला का प्रदर्शन किया. प्रतियोगिता में शामिल कलाकारों ने अपनी कला के माध्यम से समाज की सच्चाई का बखान किया, तो कुछ ने महिलाओं पर हो रहे अपराध को लेकर पेंटिंग के माध्यम से उनकी दर्द भरी दास्तान बयां की. एक कलाकार ही होता है जो अपने कला के माध्यम से ऐसा कुछ बयान कर जाता है कि कभी-कभी उसके कला के प्रदर्शन से व्यक्ति भावुक होने लगता है.

इस प्रतियोगिता में 22 कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया. कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों की प्रतिभा को निखारना है. अक्सर ये देखा जाता है कि सिर्फ स्कूल के बच्चों को ही फ्री स्टाइल में पेंटिंग करने का मौका दिया जा रहा है. ऐसा पहली बार होगा जब कॉलेज के बच्चों को फ्री स्टाइल पेंटिंग का मौका दिया गया. इस आयोजन में दिव्यांग बच्चों ने भी हिस्सा लिया और अपनी कला का प्रदर्शन किया.

कार्यक्रम के संयोजक ब्रिंदेश शारडा ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य ऐसे लोगों को भाग लेने का मौका देना जो अपनी कला का प्रदर्शन दूसरी जगह नहीं कर सकते यहां कैश प्राइस भी रखे गए है वो भी उसी हिसाब से है छोटे बच्चों को लेकर काफी प्रतियोगिताएं होती रहती है. लेकिन बड़े बच्चों के लिए नहीं होती और यदि होता भी है तो वो थीम के अनुसार होता है. जिसमें लोगों को भाग लेने का अवसर नहीं मिलता हमने बच्चों को एक ऐसा प्लेटफॉर्म दे रहे है. जहां 100 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन आए और शुल्क भी मात्र 100 रुपए ही रखा गया है.

आयोजनकर्ता साधना ढांड ने बताया कि जितने भी प्रोग्राम होते है स्कूल लेवल के प्रोग्राम होते है, लेकिन ये हम पहली बार कॉलेज लेवल पर कर रहे है ताकि हम भी उनका काम समझ सकें और बच्चों को समय भी ज़्यादा दिया गया है. ताकि अपना टाइम वे अच्छे से दे सके और अपने अंदर की क्षमता को पहचान सके.