मनोज यादव, कोरबा. जिला सहित प्रदेश के अन्य जिलों के विकास में एसईसीएल के योगदान को नकारा नहीं जा सकता. वहीं इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि, विकास के बदले कोरबा को प्रदूषण के रुप में भारी कीमत चुकानी पड़ी है. खदान में कोयले के उत्पादन के लिए होने वाले हैवी ब्लास्टिंग से लोगों का जीना मुहाल हो गया. वहीं कल रात हुई ब्लास्टिंग से ग्रामीण डरे हुए हैं.

बता दें कि, ब्लास्टिंग के साथ ही खदान से डस्ट का गुबार उड़ता है, जो रिहायशी इलाकों में पहुंचता है, जिससे आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. हरदीबाजार, अमगांव, मलगांव सहित सरईश्रृंगार के लोग पिछले कुछ दिनों से काफी परेशान हैं. आसमान में उठे प्रदूषण रूपी धूल के गुबार को देखकर आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां के लोग किस तरह अपना जीवनयापन करते होंगे.

आमगांव के सरपंच बृजकुंवर ने बताया कि, ब्लास्टिंग की समस्या पिछले कई सालों से बनी हुई है. जिसके चलते हरदी बाजार सगाई सिंगार और आसपास के ग्रामीण काफी परेशान हैं. कई बार हैवी ब्लास्टिंग के चलते ग्रामीण क्षेत्र में लगे बोरवेल धंस गए हैं. कई लोगों के घर जर्जर हो चुके हैं. इसकी शिकायत कई बार की जा चुकी है, लेकिन अब तक किसी तरह का सुधार नहीं हुआ है.

कटघोरा विधायक पुरुषोत्तम कंवर ने बताया कि, वह इस क्षेत्र के विधायक हैं और ग्रामीणों की समस्या को लेकर कई बार एसईसीएल और जिला प्रशासन को अवगत कराया जा चुके हैं. कल हुए ब्लास्टिंग से ग्रामीण डरे हुए हैं. इस बार कोई बड़ा आंदोलन करना पड़ेगा .

दरअसल, ब्लास्टिंग से हुई यह समस्या पहली बार नहीं है. कुछ दिनों पहले कुसमुंडा खदान में भी हैवी ब्लास्टिंग के चलते पाली पठानिया गांव के मकान जर्जर हो गए थे. जहां कोयला घर तक में गिरा हुआ था. जिसकी शिकायत लेकर ग्रामीण काफी संख्या में कलेक्ट्रेट भी पहुंचे हुए थे.