अजय शर्मा/अमृतांशी जोशी, भोपाल। मध्यप्रदेश में पेपर लीक करने के लिए नए गिरोह एक्टिव है। सोशल मीडिया ऐप के जरिये पेपर लीक ग्रुप बन रहे है। टेलीग्राम पर पेपर लीक करने के लिए ग्रुप की भरमार है। बताया जाता है कि एमपी बोर्ड क्वेश्चन हेल्प के नाम से ग्रुप एक्टिव है। इस ग्रुप पर धड़ल्ले से पेपर भेजे जा रहे है। पेड प्रमोशन का नाम लिखा है। पैसे भी इनहैंड देने की बात lalluram.com की पड़ताल में सामने आई है। इंग्लिश और कई अन्य पेपर ग्रुप पर साफ शब्दों में बात लिखी है। यहां होती है काम की बात फंसने और फंसाने का कोई सीन नहीं। सेट वाइज पेपर टेलीग्राम ग्रुप पर उपलब्ध। रात आठ बजे के बाद ग्रुप एक्टिव होता है। ग्रुप में करीब पचास हजार लोग एक्टिव है। प्राइवेट वीआईपी ग्रुप के लिंक भी मौजूद है। चलिए समझते हैं क्या है पूरा माजरा ?

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माध्यमिक शिक्षा मंडल पेपर लीक कांड कांड के चलते सबसे बड़ा भट्टा उसकी साख को लगा है। सालों से माध्यमिक शिक्षा मंडल (एमपी बोर्ड ) अपनी ताकत साफ-सुथरी सभी के लिए पहचाना जाता था लेकिन पर्चा लीक कांड ने मंडल की छवि को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया। अपनी सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद रखने और पूरी सुरक्षा व्यवस्था के बीच केंद्र से लेकर प्रदेश के अनेक जिलों में परीक्षा केंद्र तक पर्चा पहुंचाने में मंडल अपने बड़े अधिकारियों और पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाता था। यही नहीं मंडल हर परीक्षा केंद्र के आसपास पड़ने वाली पुलिस थाने में प्रश्न-पत्र को रखवाता है, इसके बाद भी एमपी में 10वीं और 12वीं के पेपर लीक हो गये। अभी तक इस पूरे मामले में सिर्फ शिक्षा विभाग के अधिकारी या बोर्ड से जुड़े केंद्र अध्यक्ष कठघरे में है।

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5 केंद्राध्यक्ष, 4 सहायक केंद्राध्यक्षों सहित 9 निलंबित

ग्वालियर में एमपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं परीक्षा पेपर लीक होने और उसके मोबाइल पर बिकने के मामले में स्कूल शिक्षा विभाग ने बड़ा एक्शन लिया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने 5 केंद्राध्यक्ष और 4 सहायक केंद्राध्यक्षों सहित 9 को निलंबित किया है। निलंबित किए जाने वाले यह सभी ग्वालियर, रायसेन, राजगढ़ और बड़वानी के है। ग्वालियर में न्यू आदर्श स्कूल जिसे परीक्षा केंद्र बनाया गया है वहां के केंद्राध्यक्ष हुकुम चन्द्र लाचौरिया और सहायक केंद्राध्यक्ष विवेक कुमार लिटोरिया को निलंबित किया गया है। माध्यमिक शिक्षा मंडल ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोप के आधार पर इन सभी को निलंबित किया गया है।

अब तक का पूरा मामला

एक मार्च से दसवीं और बारवी की बोर्ड परीक्षा शुरू हुई थी। चार मार्च को बारहवीं कक्षा का अंग्रेजी का पेपर था। पेपर होने से बारह घंटे पहले टेलीग्राम पर वायरल हुआ था। ग्रुप में जुड़े बच्चों को 100 रुपए से लेकर 250 रुपए तक दाम लगाया गया था। सोशल मीडिया पर पेड प्रमोशन नाम के ग्रुप से पेपर वायरल हुए थे। बोर्ड परीक्षा के पहले ही दिन पेपर सोशल मीडिया ग्रुप पर सुबह 6 बजे से वायरल हो गया। टेलीग्राम पर वायरल होने वाला पेपर अंग्रेजी विषय का था। कई और भी पेपर एग्जाम के कुछ ही देर पहले वायरल होने की की खबर सामने आयी थी।

माध्यमिक शिक्षा मंडल ने क्या किया

पहले शिक्षा मंत्री का बयान सामने आया की भ्रामक खबरें फैलाई जा रही है। मंत्री ने कहा अधिकारियों की कोई संलिप्तता नहीं है। मामले को लेकर एमपी बोर्ड ने छह सदस्य समिति का गठन किया। इस बीच अलग-अलग केंद्रों पर लापरवाही सामने आने पर कार्रवाई की। मंत्री ने बताया की भोपाल साइबर क्राइम थाना ने भी पेपर लीक करने वालों पर एफआईआर दर्ज की। कल देर रात बोर्ड पेपर लीक में 9 केंद्राध्यक्ष और सहायक केंद्राध्यक्ष निलंबित किए गए। आज खुद शिक्षा मंत्री ने स्वीकारा की सेकंड राउंड की जांच में पेपर लीक होना पाया गया है। थाने से लेकर सेण्टर के बीच कुछ गड़बड़ी हुई है जिसके चलते लोग निलबित किए गए। सेकंड राउंड की जांच में जब वायरल पेपर और मुख्य प्रश्न पत्र का मिलान हुआ वो एक जैसे निकले। फिलहाल इन मामलों में भिंड और भोपाल में केस दर्ज हुआ है। ग्वालियर, राजगढ़ बड़वानी और रायसेन में कार्रवाई की गई है।

मध्यप्रदेश में बोर्ड के पेपर कैसे तैयार कैसे किए जाते है

एमपी बोर्ड द्वारा तैयार कराए गए सभी पेपर्स परीक्षा केन्द्र के नजदीकी पुलिस थानों में ताला बंद पेटियों में सील पैक करके रखे जाते हैं। जहां से परीक्षा से एक घंटे पहले क्षेत्रीय तहसीलदार, पुलिस अफसर, एमपी बोर्ड द्वारा अधिकृत सेंटर अधिकारी और संबंधित विद्यालय के टीचर्स की मौजूदगी में निकालकर परीक्षा केन्द्र पहुंचाए जाते हैं.

अभी 10वीं-12वीं के बचे है इतने पेपर

12वीं बोर्ड के अभी हिस्ट्री, केमिस्ट्री, गणित, संस्कृत, जियोग्राफी, ऑप्शनल पेपर, इन्फोर्मटिव प्रैक्टिस और 10वीं का इंग्लिश का पेपर बाकी है। प्रदेश के कुल 18 लाख 22 हजार परीक्षार्थी शामिल हुए हैं। 10वीं की बोर्ड परीक्षा में 9 लाख 65 हजार, 12वीं की परीक्षा में आठ लाख 57 हजार परीक्षार्थी है।

छात्रों के भविष्य से जुड़े उठ रहे कुछ बड़े सवाल

जिन केंद्राध्यक्षों को निलंबित किया गया, क्या उसने पुलिस अफसरों का भी हाथ था। पेपर लीक की खबर जब पहले पेपर से वायरल हो रही थी तो विभाग देर से क्यों जागा ? दूसरों की शिकायत पर पड़ा मालूम पेपर लीक के बारे में, तो क्या विभाग अनजान था ? अब तक कौन से पेपर हुए लीक साफ़ नहीं, तो क्या पेपर होंगे कैंसिल ? पेपर कैंसिल होंगे तो नई डेट कब, बच्चे कॉम्पिटिटिव एग्जाम कैसे देंगे ? मूल्यांकन पर भी उठेगा सवाल ? बच्चों को कॉलेज दाखिले में होगी देरी ? अभी और भी कई पेपर बाकी, आखिर कब करेगा विभाग सख्ती ? सोशल मीडिया पर इतनी आसानी एक जैसे पेपर कहाँ से उपलब्ध हो रहे हैं?

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