अरविंद मिश्रा, बलौदाबाजार. कसडोल विकासखंड के ग्राम गिधौरी में आज पालकों ने शिक्षकों के स्कूल प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया और तब तक अंदर नहीं आने दिया जब तक बच्चों की उचित शिक्षा व्यवस्था की अधिकारी लिखित में जवाब न दे. बच्चों के शिक्षा के लगातार गिरते स्तर व शिक्षकों के लगातार हड़ताल से परेशान होकर पालकों ने यह कदम उठाया.

पालकों का कहना है कि दो वर्ष के कोरोना काल में पढ़ाई ठप रही. उसके बाद जैसे तैसे पढ़ाई प्रारंभ हुई तो शिक्षक बराबर स्कूल आते नहीं और अब दो बार हो गया हड़ताल पर बैठ रहे हैं. इससे बच्चों की शिक्षा व्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है. वहीं शिक्षक अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ा रहे हैं, जिससे उनके बच्चे पढ़ रहे हैं और हमारे घूम रहे हैं. इसे लेकर आज हम लोग स्कूल में उनके आने पर प्रतिबंध लगा दिया है.

शिक्षकों को स्कूल में प्रवेश करने से रोकने पर शिक्षा विभाग में हड़कंप तो मचा ही. साथ ही शासकीय स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था पर भी प्रश्नचिन्ह खडा हो गया है. आनन-फानन में विकासखंड शिक्षा अधिकारी केके गुप्ता स्कूल पहुंचे और पालकों से बातचीत की पर पालक नहीं मान रहे थे. काफी समझाइश व जिला शिक्षा अधिकारी से चर्चा उपरांत एक स्कूल शिक्षिका सहित प्रधानपाठक व प्राचार्य को हटाए जाने की बात व आगे से हड़ताल पूर्व उचित शिक्षा व्यवस्था करने की बात पर पालक राजी हुए.

स्कूल में 900 बच्चे आते हैं पढ़ने
पालकों ने यह भी बताया कि प्राइमरी से लेकर हायर सेकेंडरी तक लगभग 900 बच्चे यहां पढ़ाई कर रहे हैं पर कमरे की व्यवस्था कम है. वहीं हाईस्कूल का भवन बने पांच वर्ष हो गए हैं पर प्रारंभ नहीं हुआ है. वहां सोसाइटी चल रहा है, जो उचित नहीं है. आपको यह भी बता दे कि जब यह घटना हो रही थी वहीं मुख्यमंत्री सारंगढ बिलाईगढ़ जिले का उद्घाटन कर रहे थे. फिलहाल देखना होगा पालकों की इस मांग को शिक्षा विभाग कितना जल्दी हल करता है.