पारिजात को देव वृक्ष भी कहा जाता है. इसे सफेद-नारंगी मिक्स रंग के खुशबूदार फूल रात को खिलते हैं, और सुबह होते ही गिरने लगते हैं, जिससे पेड़ के नीचे फूलों की चादर सी बिछ जाती है. आयुर्वेद में पारिजात के फूलों का काढ़ा अनेक बीमारियों में फायदेमंद होता है, इसमें एंटी वायरल, एंटी अलर्जिक, एंटी बैक्टीरीयल और एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर होता है.
पारिजात की पत्ती का काढ़ा हर तरह के फीवर जैसे सामान्य बुखार, वायरल फीवर, मलेरिया बुखार, चिकनगुनिया, डेंगू फीवर आदि को ठीक करने में फायदा करता है.
कैसे करंे उपयोग
पारिजात के 4-5 पत्ते, तुलसी के 4-5 पत्ते, अदरक, 1 इंच दालचीनी का टुकड़ा, 3-4 काली मिर्च (कूटकर) को 2 गिलास पानी में धीमी आंच पर उबाल लें. जब यह पानी लगभग आधा हो जाए तो गैस बंद कर दें और बर्तन ढक दें. 5-10 मिनट बाद छानकर धीरे-धीरे पियें. 2-3 बार पीने में ही लाभ होने लगेगा.
गठिया-घुटने और जोड़ों का दर्द का इलाज
बहुत से लोगों ने पारिजात के पत्ते का उपयोग हड्डी के इन रोगों में प्रयोग करके लाभ उठाया है. 1-2 महीने नियमित रूप से पारिजात के 3-4 पत्तों को पानी में उबालकर सुबह-शाम चाय जैसे 1 कप पी लिया करें.
कैसे करंे उपयोग
पारिजात की पत्ती को पीसकर हल्का सा गरम कर लें. इस पेस्ट को घुटनों पर सहने लायक गरम रहने पर लगा लें. ये उपाय भी फायदा करता है. रिसर्च में पाया गया कि हड्डी, आथ्र्राइटिस के दर्द और सूजन में पारिजात की पत्ती का अर्क लाभकारी है.
लिवर बढ़ना या फैटी लिवर
इस बीमारी में लिवर (जिगर) का आकार बढ़ने लगता है, जिससे पाचन और रक्त संबंधी समस्या होने लगती हैं.
कैसे करंे उपयोग
फैटी लिवर के इलाज के लिए 7-8 पारिजात के पत्तों का रस में अदरक का रस, शहद मिलाकर सुबह शाम लेना चाहिए. इससे लिवर स्वस्थ होता है और उसकी क्षमता ठीक होने लगती है.
खांसी, अस्थमा, ब्रॉनकाइटिस
सांस लेने में समस्या में पारिजात के फूल और पत्तों की चाय पीना फायदा करता है.
कैसे करंे उपयोग
3-4 पारिजात की पत्ती व कुछ फूल, 1 इंच अदरक का टुकड़ा घिसकर 1 गिलास पानी में डालकर उबालें. जब ये पानी 1 कप जितना हो जाए तो छान लें. इसमें 1 चम्मच शहद मिलाकर चाय जैसे पीयें.
पेट के कीड़े
बड़े और ब’चों के पेट में कीड़े(चुन्नु) होने से उनके विकास पर असर पड़ता है. इसमें पेट में दर्द बना रहता है. भूख नहीं लगती.
कैसे करंे उपयोग
कीड़ों की समस्या ठीक करने के लिए सुबह-शाम खाली पेट पारिजात की पत्तियों के 5द्वद्य ताजे रस में 2 काली मिर्च के चूर्ण को मिलाकर पियें.
एनीमिया
आयुर्वेद के अनुसार खून की कमी के रोग में पारिजात की नरम पत्तियों का रस, अदरक का रस, शहद में लौह भस्म मिलकर सेवन करने से खून बढ़ता है और शरीर की कमजोरी, चेहरे का पीलापन दूर होता है.
दाद, खुजली का इलाज
पारिजात की 2-3 पत्तियों को पीसकर दाद वाली जगह पर दिन में 1 बार लगाया करें. कुछ दिन में दाद ठीक हो जाएगा. इसकी पत्तियों में स्किन के फंगल इन्फेक्शन को ठीक करने के गुण होते हैं.
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