Baba Ramdev Patanjali Ads Case: पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक दवा विज्ञापन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले में अब कंपनी ने अपनी गलती के लिए माफी मांगी है. पतंजलि आयुर्वेद और उसके एमडी आचार्य बालकृष्ण ने भ्रामक और भ्रामक दवा विज्ञापन देने के लिए सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी है. कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण को 2 अप्रैल को तलब किया है.

इस माफीनामे में विज्ञापन को दोबारा प्रसारित न करने का वादा भी किया गया है. आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि कंपनी के मीडिया विभाग को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जानकारी नहीं थी. उनका कहना है कि इसका उद्देश्य नागरिकों को पतंजलि उत्पादों का सेवन करके स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करना था.

बाबा रामदेव और बालकृष्ण को पेश होने का आदेश

पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक दवा विज्ञापन मामले में कोर्ट ने स्वामी रामदेव (पतंजलि के सह-संस्थापक) और पतंजलि के एमडी आचार्य बालकृष्ण को 2 अप्रैल को कोर्ट में पेश होने को कहा है. कंपनी और आचार्य बालकृष्ण ने नोटिस का जवाब दाखिल नहीं किया, जिसके चलते यह आदेश जारी किया गया.

अब अगली तारीख पर उन्हें कोर्ट (Baba Ramdev Patanjali Ads Case) में पेश होना पड़ सकता है. 19 मार्च को हुई सुनवाई में कोर्ट ने नोटिस जारी किया था और यह भी पूछा था कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए. जस्टिस हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है. इससे पहले इस मामले की सुनवाई 27 फरवरी को हुई थी.

27 फरवरी को हुई सुनवाई में कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक दवा विज्ञापनों पर रोक लगा दी थी. इसके अलावा अवमानना कार्यवाही में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. दरअसल, कोर्ट ने पिछले साल भ्रामक विज्ञापन जारी न करने का निर्देश दिया था, लेकिन कंपनी ने इसे नजरअंदाज कर दिया।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की याचिका पर की सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट 17 अगस्त, 2022 को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था. इसमें कहा गया था कि पतंजलि ने कोविड टीकाकरण और एलोपैथी के खिलाफ नकारात्मक प्रचार किया. साथ ही उन्होंने कुछ बीमारियों को अपनी आयुर्वेदिक दवाओं से ठीक करने का झूठा दावा भी किया.