सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के साथ बस्तर के जनप्रतिनिधियों के प्रतिनिधि मंडल ने आज मंगलवार को राज्यपाल अनुसईया उइके से मुलाकात की है. सारकेगुड़ा मामले में जांच आयोग की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की मांग के साथ पीड़ित परिवार को 20 लाख की मुआवज़ा राशि के साथ ही परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की माँगकी गई है.आदिवासियों को फर्जी मुठभेड निशाना बनाए जाने का साथ 17 लोगो की मौत को लेकर दोषी चाहे कोई भी हो कड़ी कर्रवाई करने की मांग राज्यपाल अनुसईया उइके से की है.

पीसीसी चीफ मोहन मरकाम, मंत्री कवासी लख़मा, मंत्री अनिल भेड़िया एवं कई विधायक मौजूद रहे. राज्यपाल से मुलाकात के बाद इस मामले को लेकर बस्तर के जनप्रतिनिधियों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी मुलाकात करेगा.

छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने बताया कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद पूर्ववर्ती सरकार की गलत नीतियों के कारण बेकाबू हो गई है तथा उसे लगाम लगाने की कोई ठोस नीति तैयार नहीं की गई. बल्कि सीधे-साधे ग्रामीण आदिवासियों को निशाना बनाया गया. जिसका स्पष्ट उदाहरण सारकेगुड़ा फर्जी मुठभेड की न्यायिक जांच रिपोर्ट है. सारकेगुड़ा न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट में हुए खुलासे से स्पष्ट हो गया है कि 28-29 जून 2012 की रात निर्दोष आदिवासियों की नृशंस हत्याएं हुई हैं.

मोहन मरकाम ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस ज्ञापन के माध्यम से मांग करती है कि 28-29 जून 2012 की रात बासागुड़ा थाना अंतर्गत सारकेगुड़ा, बीजपण्डुम में बैठक कर रहे महिलाओं, स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को मार डाला गया था. जिसमें 16 लोगों को रात्रि में और 1 आदीवासी की सुबह हत्या कर दी गई थी. कांग्रेस ने लगातार राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर मामले लगातार उठाते हुये निर्दोष आदिवासियों को न्याय दिलाने की मांग करते आ रही है. और इस न्यायिक जांच रिपोर्ट से कांग्रेस पार्टी का आरोप सही साबित हुआ है. कांग्रेस पार्टी इस ज्ञापन के माध्यम से आदिवासियों के हत्यारों एवं उनको सरंक्षण देने वालों पर कड़ी कार्रवाई की मांग करती है.