अमूमन वाहन दुर्घटना के स्थान पर तत्काल आसपास के लोग मौजूद हो जाते हैं, लेकिन वह सिर्फ घटना स्थल को देखने और फोटो, वीडियों निकालने का काम करते है. इसके बाद 108 को फोन लगा देते हैं. इस देरी के कारण व्यक्ति की कभी-कभी मौत भी हो जाती है. यदि आसपास जामा हुए लोगों द्वारा उसे तत्काल जिला अस्पताल पहुंचाया जाए तो संबंधित व्यक्ति को अपना नाम सिर्फ अस्पताल के रजिस्टर में एंट्री करवाना होगा.

सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को गंभीर चोट लगने के एक घंटे के भीतर अस्पताल पहुंचाने वाले लोगों को 5000 रुपये नकद इनाम देने की योजना केंद्र सरकार ने 31 मार्च 2026 तक के लिए लागू की है. लेकिन आम व्यक्ति सोचता है, कि यदि व्यक्ति को अस्पताल लेकर गए, तो पुलिस के बयान और कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ेंगे. इस कारण वह घायल की सहायता नहीं करता है. जिससे घायल व्यक्ति को सही समय पर इलाज ना मिलने के कारण उसकी मौत हो जाती है.

योजना के तहत इस तरह मिल सकता है इनाम

नेक मददगार को पुरस्कार देने की योजना के नाम से शुरू होने वाली इस योजना के लिए मंत्रालय द्वारा पोर्टल भी बनाया है. अगर कोई व्यक्ति दुर्घटना के बारे में पुलिस को सूचित करता है तो डॉक्टर से कंफर्म करने के बाद पुलिस ऐसे नागरिक को एक आधिकारिक लेटर पैड पर लिखकर, उसके काम को प्रमाणित करेगी. जिसके बाद उसकी एक कॉपी संबंधित पुलिस थाने द्वारा जिला स्तर पर गठित मूल्यांकन समिति को भेजी जाएगी. जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. यदि घायल को शख्स खुद अस्पताल लेकर जाता है तो इसकी सारी जानकारी अस्पताल प्रबंधक खुद पुलिस को देगा. इसके बाद पुलिस उस व्यक्ति को प्रमाणित करने के बाद आगे की कार्रवाई करेगी. एक व्यक्ति एक साल में ज्यादा से ज्यादा पांच बार इनाम पा सकता है. इतना ही नहीं इस योजना में नकद पुरस्कार के अलावा प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा. साथ ही नेशनल लेवल पर सबसे ज्यादा नेक मददगारों को 1-1 लाख रुपये तक पुरस्कार के रूप में दिया जाएगा.