दिल्ली. अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेताया है कि कोविड महामारी जल्द खत्म नहीं होगी और ओमीक्रॉन कोरोना का आखिरी वेरिएंट नहीं होगा. उन्होंने कहा कि बहुत कुछ इस घातक वायरस के अगले वेरिएंट के प्रभाव और उसकी संक्रामकता पर निर्भर करेगा.

विश्व आर्थिक मंच के सप्ताह भर चलने वाले ऑनलाइन दावोस एजेंडा सम्मेलन के पहले दिन कोविड-19 के हालात पर अपने संबोधन में मशहूर अमेरिकी महामारी विज्ञानी एंथोनी फाउची ने कहा कि सामान्य हालात को लेकर पूर्वानुमान लगाना मुश्किल होगा. हालांकि उन्हें नहीं लगता कि लोगों को हमेशा मास्क पहनना पड़ेगा.

महामारी को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म

फाउची ने कहा ओमीक्रॉन बेहद तेजी से फैलता है, लेकिन ये बहुत ज्यादा रोगजनक नहीं है, जबकि मुझे उम्मीद है कि अभी हालात ऐसे ही रहेंगे. हालांकि बहुत कुछ आने वाले समय में उभरने वाले वायरस के नए स्वरूपों पर निर्भर करेगा. उन्होंने कहा कि महामारी को लेकर कई तरह की भ्रामक सूचनाएं हैं, लेकिन यह कहना मुश्किल है कि महामारी कब तक जारी रहेगी?

फाउची ने कहा यह अंदाजा लगाना काफी मुश्किल है कि ‘सामान्य हालात’ कैसा होगा? मुझे नहीं लगता कि लोगों को हमेशा मास्क पहनना पड़ेगा. हालांकि मैं उम्मीद करूंगा कि नया सामान्य एक-दूसरे के साथ और अधिक एकजुटता से होगा. मैं यह भी उम्मीद करता हूं कि हालात सामान्य होने पर यह भी हमारी यादों में रहेगा कि एक महामारी हम पर क्या प्रभाव डाल सकती है.

दवा कंपनी मॉडर्ना की सीईओ स्टीफन बी. के अलावा ‘कोअलिशन फॉर एपिडेमिक प्रीपेयर्डनेस’ (सीईपीआई) के सीईओ रिचर्ड हैचेट और लंदन की संक्रामक रोग विशेषज्ञ एनेलाइस वाइल्डर स्मिथ ने भी सत्र को संबोधित किया. स्मिथ ने कहा कि ओमीक्रॉन वायरस का आखिरी वेरिएंट नहीं होगा और महामारी जल्द ही समाप्त नहीं होगी.

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