नई दिल्ली। इन दिनों पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें आसमान छू रही हैं. अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है. इसके कारण डीजल के दाम भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं. दिल्ली में एक लीटर डीजल की कीमत 61.74 रुपए और पेट्रोल की कीमत पिछले 3 साल के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 71.27 प्रति लीटर है, जो अगस्त 2014 के बाद सबसे ऊंचा स्तर है.

अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में क्रूड की लगातार बढ़ रही कीमतें मोदी सरकार के लिए बड़ी मुसीबत बन सकती हैं. देश में रिटेल महंगाई अपने 17 महीनों के टॉप पर है. क्रूड महंगा होने से सरकार की बैलेंसशीट बिगड़ने का भी खतरा पैदा हो गया है. क्रूड की कीमत अगर नियंत्रित नहीं होती हैं, तो सरकार को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. क्योंकि इस साल कई राज्यों में चुनाव है, वहीं 2019 में लोकसभा का चुनाव भी होना है. ऐसे में विपक्ष पेट्रोल-डीजल की कीमतों को चुनावी मुद्दा बना सकता है.

वहीं आम आदमी भी बढ़ती महंगाई से परेशान है. बता दें कि क्रूड सोमवार को 70 डॉलर के स्तर को पार कर गया, जो दिसंबर 2014 के बाद पहली बार हुआ है. ओपेक देशों के अलावा रूस द्वारा प्रोडक्शन घटाने से सप्लाई घटी है. पिछले दिनों ठंड बढ़ने से अमेरिका और कनाडा में भी रिग्स काउंट घटे हैं. ऐसे में डिमांड और सप्लाई का संतुलन गड़बड़ा गया है.

डॉलर के मुकाबले लुढ़का रुपया

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 1 प्रतिशत से ज्यादा टूट गया है. रुपया 2 हफ्ते के निचले स्तर पर आ गया है. 1 डॉलर के मुकाबले रुपया 55 पैसे टूटकर 64.04 पर बंद हुआ.