Pilibhit Encounter Case: अमृतसर. उत्तर प्रदेश के पीलीभीत एनकाउंटर में मारे गए तीन पंजाबी युवकों की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में पंजाब आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक मनविंदर सिंह ग्यासपुरा ने पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां को पत्र लिखा है. उन्होंने मांग की है कि यूपी सरकार से संपर्क कर इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके.
यूपी में शुरू हुई जांच
दूसरी ओर, यूपी में इस मामले की जांच शुरू हो गई है. जांच कर रहे जिलाधिकारी (DM) संजय कुमार ने मृतकों के परिवारवालों को बयान दर्ज कराने के लिए 15 दिन का समय दिया है. इसके अलावा, यदि किसी अन्य व्यक्ति के पास कोई जानकारी है, तो वह भी 3 जनवरी तक अपना बयान दर्ज करा सकता है.
यह कार्रवाई यूपी और पंजाब पुलिस की विशेष टीम द्वारा सुबह के समय संदिग्धों को घेरने के बाद की गई थी. घायल अवस्था में युवकों को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
मारे गए युवकों पर धमाके का आरोप
पुलिस के अनुसार, एनकाउंटर में मारे गए युवक गुरदासपुर पुलिस चौकी पर हुए ग्रेनेड हमले में शामिल थे. इस हमले के बाद वे तीनों पंजाब से भागकर यूपी के पीलीभीत पहुंच गए थे. पंजाब पुलिस ने पीलीभीत पुलिस को सूचना दी थी कि ये संदिग्ध जिले में छिपे हुए हैं. एनकाउंटर के दौरान जसनप्रीत सिंह, गुरविंदर सिंह और वरिंदर सिंह पुलिस की गोलीबारी में मारे गए. पुलिस ने उनके पास से दो AK-47 राइफल और दो विदेशी पिस्तौल भी बरामद की हैं.
आतंकवादी संगठन से संबंध का आरोप (Pilibhit Encounter Case)
यूपी पुलिस के अनुसार, एनकाउंटर में मारे गए तीनों युवक बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़े थे और उन्हें आतंकवादियों का समर्थन प्राप्त था. इन आतंकवादियों में से एक, कुलबीर सिंह उर्फ सिद्दू बब्बर, ने युवकों को होटल का कमरा दिलाने में मदद की थी. पुलिस ने कुलबीर सिंह उर्फ सिद्दू, पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा और फतेह सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
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