शरद पाठक, छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के पांडुरना शहर को पेयजल प्रदान करने के लिए 21 करोड़ रुपए की लागत से पाइप लाइन बिछाई गई थी. आज उमरी खुर्द के पास जाम नदी में बरसात के कारण ढह गई. पाइपलाइन को निर्माण हुए एक साल भी नहीं हुआ था कि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. पहली ही बरसात में निर्माण कार्य ताश के पत्तों की तरह ढह गया.

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दरअसल मोहगांव के नंदेवानी जलाशय से पांडुरना शहर तक यह पाइप लाइन नगर पालिका पांढुरना द्वारा जनता को पेयजल प्रदान करने के लिए डाली गई थी.  इस पाइप लाइन से जाम नदी का पानी पांडुरना शहर तक पहुंचाया जाता था. जिससे पांढुर्णा शहर का पेयजल संकट समाप्त होने की उम्मीद थी.

इस वर्ष मार्च में ही इस पाइप लाइन का काम कंप्लीट हुआ था. आज पहली बरसात में इसके बह जाने से पांढुर्णा शहर के सामने पेयजल का भारी संकट पैदा हो गया है. पाइपलाइन को ले जाने के लिए बनाए गए कंक्रीट के पिलर बारिश में ताश के पत्तों के महल की तरह ढह गए और गुणवत्ता के सारे दावे खोखले साबित हुए. इतने महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट में इस तरह की लापरवाही कई सवालों को जन्म देती है.

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पांढुर्णा पीएचई इंजीनियर जीआर नागले का कहना है कि पाइप लाइन तेज बहान के कारण बह गई. 21 करोड़ 99 लाख का प्रोजेक्ट था, जिसे 5 किमी तरह बिछाया गया था. अब उसे सुधार पर दोबारा पानी सप्लाई की जाएगी.

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