गरियाबंद. कमार जनजाति की महिला की संदिग्ध मौत के बाद उसके परिजनों को पीएम के लिये भटकना पड़ रहा है. ये परिजन 10 हजार रुपए वाहन किराये पर शव को लेकर जिला मुख्यालय अस्पताल पहुचे. लेकिन उसके बाद भी उनकी परेशानी कम नहीं हुई क्योंकि जिला मुख्यालय अस्पताल में भी पीएम करने के लिये कोई महिला चिकित्सक नही थी.

जुगाड़ थाना छेत्र के तोरेंगा ग्राम में रहने वाली कमार जनजाति की महिला कनेश्वरी बाई उम्र 27 साल की संदिग्ध मौत शनिवार की शाम पांच बजे हुई. पुलिस ने सूचना पर मर्ग कायम कर रविवार को शव पीएम के लिये रवाना कर दिया.

मृतक के पति धनेश्वर ने बताया कि वाहन किराये पर लेकर पहले शव को पीएम के लिये मैनपुर चीरघर लाया गया. जहां मौजूद चिकित्सक ने महिला चिकित्सक से पीएम कराने की सलाह लिखकर जिला चिकित्सालय के लिए शव को रेफर किया. जिसके बाद धनेश्वर साढ़े 11 बजे पहुंच गये पर जिला चिकित्सालय पहुंच गया. लेकिन यहां सारे डॉक्टर नदारद मिले. तीन घण्टे के इंतजार के बाद अस्पताल में मौजूद स्टाफ एम एस ठाकुर ने महिला चिकत्सक नहीं होने का हवाला देकर शव को राजिम ले जाने की बात कही. लेकिन इस बीच जिस वाहन से वह शव लेकर भटक रहा था उसका किराया 10 हजार हो चुका था.

शनिवार से भटक रहे परिजनों ने जब इस बात को लेकर अस्पताल में मौजूद स्टाफ से बात की तो उन्होंने रायपुर गई महिला चिकित्सक के आने तक इंतजार करने को कहा है. जब इस बारे में सीएमएचओ अरुण रात्रे को फोन पर जानकारी दी गई तो उनका कहना था कि पीएम के लिये फिंगेश्वर से चिकित्सा को गरियाबंद जाने के लिये कहा गया है. लेकिन वह जाने को तैयार नहीं हो रहा है.

पीएम के लिये भटक रहे कमार जनजाति के लोगों की इस व्यथा ने स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था की एक बार फिर पोल खोल कर रख दी है. जिले में महिला चिकित्सक की पोस्टिंग होने के बावजूद पीएम के लिये किसी डॉक्टर का ना मिलना विभाग की इस व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह खडा करता है.