शब्बीर अहमद, भोपाल। आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग ईडब्ल्यूएस (इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन) के लोगों को भी देश के सर्वोच्चय न्यायालय सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण दिए जाने का फैसला सुनाया गया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मध्यप्रदेश में इसे लेकर सियासत शुरू हो गई है। सत्ताधारी बीजेपी ने जहां फैसले का स्वागत किया है वहीं विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने अंडगा डालने का आरोप लगाया है।

पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से ही सामान्य वर्ग की हितैषी रही है। जब यह फैसला आया था तभी हमने इसको अनुमति देकर पास कर दिया था। कहा कि हमेशा से बीजेपी फैसले को लेकर अड़ंगा डालती आयी है। बीजेपी के कारण कोर्ट को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा था। बगैर कोर्ट और कोड़े के बीजेपी मानती ही नहीं है।हमेशा से कांग्रेस ने ही सामान्य वर्ग के हितैषी होने का काम किया है।

वहीं EWS के आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर याचिकाकर्ता रिव्यू पिटीशन लगाएंगे। जानकारी के अनुसार EWS पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से याचिकाकर्ता असंतुष्ट है। EWS के तहत आरक्षण देना संविधान के विरुद्ध था। देश में दो कानून के तहत आरक्षण नहीं दिया जा सकता। ओबीसी समाज के वक्त 50% आरक्षण ज्यादा देने पर बैरियर लगाया जाता है। जब सामान्य वर्ग को आरक्षण देने की बात आती है तो वो बैरियर खत्म हो जाता है। इस देश में ओबीसी, एसटी एससी वर्ग के लोग भी गरीब है। उन्हें शामिल करने के लिए याचिका लगाई थी।

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