राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्यप्रदेश में मिशन 2023 की तैयारी शुरू हो गई है। चुनावी साल में मतदाताओं को रिझाने राजनीतिक दल के लोग अब रिश्ते भी बनाने लगे हैं। मध्यप्रदेश का चुनाव भावनात्मक मोड पर पहुंच रहा है। प्रदेश की राजनीति सहित पूरे देशभर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मामा के नाम विख्यात है। लोग उन्हें मामा के नाम से भी जानते है। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश में मामा के बाद अब चाचा और दादा की एंट्री हो गई है। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने खुद को चाचा बताया है, तो कांग्रेस पीसीसी चीफ एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को दादा कह रही है। चुनाव में मतदाताओं को रिझाने के लिए नेता अब रिश्ते भी बना रहे हैं।

बता दें कि सीएम शिवराज सिंह चौहान पूरे प्रदेश की लड़कियों को भांजी और उनकी माताओं को बहन बोलते हैं। सभा समारोह में वे मेरे प्रिय भांजा-भाजियों के संबोधन से अपनी भाषण की शुरुआत भी करते हैं। इसी कड़ी में कल सतना पहुंचे आप के संयोजक और दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने अपने भाषण में खुद को चाचा बताते हुए मामा पर सियासी शब्दबाण चलाया था।

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मध्यप्रदेश की सियासत में मामा और चाचा का बोलबाला हो तो कांग्रेस भी कैसे चुप बैठ सकती है। कांग्रेस मीडिया उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने ट्वीट कर मामा और चाचा पर सियासी हमला बोला है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि- दादा ही बचायेंगे भविष्य और बसेरे, थामेंगे हाथ सबके कमलनाथ। यहीं नहीं उन्होंने मामा को ठग और चाचा को लुटेरे भी बताया है।

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