कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। मध्यप्रदेश की सियासत में ग्वालियर अंचल अपना अलग बजूद रखता है। यही कारण है कि यहां से आने वाले दो दिग्गज नेता अपनी जड़ों की पकड़ को बनाये रखने में जुटे हुए है। ऐसे में दौरे के बहाने जमीन मजबूत करने में जुटे दिग्गज 2024 की जमावट में लग गए है। हम बात कर रहे है ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर की, जो तीन महीने में अंचल में एक-एक दर्जन से ज्यादा दौरे कर चुके है, एक दिग्गज अंचल में आता है तो दूसरा चला जाता है। इन दौरे के नाम पर सियासी जमीन मजबूत करने के साथ साथ दोनों नेता अंदरूनी तौर पर एक दूसरे पर दबदबा बनाने की कोशिशों में जुट गए है। जिसके कारण कांग्रेस (सिद्धार्थ सिंह राजावत– प्रवक्ता,मध्यप्रदेश कॉंग्रेस कमेटी) ने तंज कसते हुए कहा कि दोनों अपनी खिसकती जमीन बचाने के लिए बार बार दौरे कर रहे हैं, तो वहीं बीजेपी का कहना है कि ज्यादा दौरे करना अच्छे जनप्रतिनिधियों की निशानी होती है। वहीं राजनीतिक विश्लेषक इसे राजनीति से परे देखते हुए अंचल के लिए विकास से जोड़कर देख रहे है। क्योंकि दोनों नेता लगातार दौरों के जरिए जनता का दुखदर्द जान रहे है साथ ही कई सौगातें दे रहे हैं

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ग्वालियर चंबल अंचल में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के ताबड़तोड़ दौरे हो रहे हैं। दोनों ही कद्दावर नेता ग्वालियर चंबल अंचल और अपने इलाकों में दौरा कर रहे हैं। पिछले 3 महीने के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं है तो नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एमपी और ग्वालियर चंबल अंचल के 21 से ज्यादा दौरे कर चुके हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के भी धुआंधार दौरे हो रहे हैं पिछले 3 महीने में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर करीब 19 बार एमपी और ग्वालियर चंबल अंचल के दौरे पर आ चुके हैं। दोनों ही नेता अपने-अपने इलाकों में जनता को सौगात दे रहे हैं। दोनों केंद्रीय मंत्रियों के लगातार दौरों को लेकर कांग्रेस नेता ने तंज कसते हुए कहा कि- दोनों नेताओं की जमीन खिसक रही है। दोनों के बीच अंदरूनी लड़ाई चल रही है। यही वजह है कि दोनों अपनी अपनी जमीन बचाने के लिए लगातार दौरे पर आ रहे हैं। लेकिन दोनों के इन दौरों से फर्क नहीं पड़ेगा। आने वाले समय में जनता इनको नकार देगी, जिसका सीधा फायदा कांग्रेस को होगा।

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दोनों केंद्रीय मंत्रियों के दौरे को लेकर भारतीय जनता पार्टी (कमल माखीजानि-जिला अध्यक्ष, भाजपा ग्वालियर)का कहना है कि दोनों नेताओं के बीच बेहतर तालमेल है। अंचल में दोनों के दौरे होना अच्छे जनप्रतिनिधि की निशानी है, कि वो अपने इलाके की जनता का ख्याल रखते हैं। दोनों नेता लगातार जनता को सौगाते दे रहे हैं। सिंधिया ने जहां रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, एलिवेटेड रोड़ सहित तमाम बड़ी योजनाएं शुरू कराई है। वहीं तोमर ने भी मुरार नदी प्रोजेक्ट, रायरू बायपास, तीन फ्लाईओवर और कृषि के क्षेत्र में कई सौगात ग्वालियर चंबल को दिए है। ऐसे में जो तंज कोंग्रेस कस रही है। उसके पहले वह अपनी बची हुई जमीन को खिसकने से बचाये तो ज्यादा बेहतर होगा।

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अपने सियासी पकड़ को मजबूत बनाने के साथ भाजपा और कांग्रेस के आरोप-प्रत्यारोप के बीच राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार डॉ सत्यप्रकाश शर्मा का कहना है कि जिस तरह से गुना संसदीय क्षेत्र से सिंधिया को हार का सामना करना पड़ा था उसके पीछे मुख्य वजह जनता से सीधे तौर पर जुड़ा होना नहीं था। यही कारण है कि इस बार सिंधिया सीधे जनता के बीच हर छोटे बड़े आयोजनों में शामिल हो रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर पहले से अंचल में स्थापित नेताओं में शुमार तोमर इस तस्वीर को अंदरूनी तौर पर भविष्य के लिए ठीक नहीं मान रहे हैं। यही कारण है कि वह भी लगातार अंचल के दौरे करने में जुटे हुए हैं। लेकिन इन दोनों ही दिग्गज नेताओं के दौरे के चलते अंचल को विकास की कई बड़ी सौगात मिल रही है जिससे वर्तमान में फायदा जनता का ही हो रहा है।
गौरतलब है कि सिंधिया 4 फरवरी को अपने तीन दिवसीय दौरे पर ग्वालियर आ रहे हैं, जहां वह अंचल के कई बड़े और छोटे कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे।

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