अमृतांशी जोशी/शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश के विद्यालयों में धर्मग्रंथ पढ़ाने को लेकर सियासत गर्म हो गई है। कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा (KK Mishra) ने सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार के मंत्रियों के जीवनी को भी पाठ्यक्रम में शामिल कर लिया जाए। साथ ही RSS के प्रमुख के बारे में भी पाठ्यक्रम में पढ़ाया जाए। कुछ ही महीने बचे हैं अब कुछ सोचने विचारने की जरूरत नहीं है। पहले पूरे प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को संभाल लीजिए फिर धर्म ग्रंथों की बात करें।
दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh) ने ऐलान किया कि राज्य सरकार सरकारी स्कूलों में धर्म ग्रंथों (Dharm Granth) की शिक्षा देगी। गीता सार, रामायण महाभारत के प्रसंग भी पढ़ाए जाएंगे। प्रदेश में धार्मिक ग्रंथों की शिक्षा देकर छात्रों में नैतिक शिक्षा को प्रोत्साहित किया जाएगा। सीएम शिवराज ने ऐसे लोगों को चेताया है जो हिंदू ग्रंथों के साथ महापुरुषों का अपमान करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा जो महापुरुषों का अपमान करते हैं उन्हें सहन नहीं किया जाएगा।
इसे लेकर कांग्रेस (Congress) ने निशाना साधा है। के के मिश्रा ने कहा कि भाजपा सरकार के मंत्रियों के जीवनी और आरएसएस के प्रमुख के बारे में भी पाठ्यक्रम में पढ़ाया जाए। कुछ ही महीने बचे हैं, अब कुछ सोचने विचारने की जरूरत नहीं है। कांग्रेस नेता ने कहा कि पहले प्रदेश की शिक्षा को संभाल लीजिए फिर धर्म ग्रंथों की बात करें। चुनाव का समय आ गया है, बीजेपी को विकास मॉडल (Vikaas Modal) छोड़कर सिर्फ राम-राम ही याद आ रहे हैं।
वहीं कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद (Arif Masood) ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज इस तरीके की बयानबाजी से प्रदेश का माहौल खराब करना चाहते हैं। बीजेपी सरकार शिक्षा का माहौल खराब करना चाहती है। सरकार का यह फैसला चुनावी स्टंट है। MLA आरिफ ने कहा कि शिक्षा के मंदिर में सभी धर्मों की किताबों को पढ़ाया जाना चाहिए। कुरान, बाइबल और गुरु ग्रंथ को भी स्कूलों में पढ़ाया जाए।
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