शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश में सरकार जन्माष्टमी और दशहरा पर शस्त्र पूजन के बाद गोवर्धन पर्व भी धूमधाम से करने की तैयारी में है। इस संबंध में मंगलवार को सूबे के मुखिया डॉक्टर मोहन यादव ने कैबिनेट बैठक के दौरान निर्देश दिया कि अपने-अपने क्षेत्रों में सभी जनप्रतिनिधि व्यापक स्तर पर गोवर्धन पर्व पर गौवंश की पूजा करें। मंत्री, विधायक और सांसद गौशालाओं में अपनी आमद दर्ज कराएं। 

कांग्रेस की सरकार को नसीहत

सरकार के इस निर्णय का कांग्रेस ने स्वागत किया, साथ ही नसीहत भी दी। समस्त प्रकोष्ठ अध्यक्ष जेपी धनोपिया ने कहा कि शास्त्रों में गौ माता को सर्वोच्च दर्जा दिया गया है। इसके बाद भी बीजेपी शासनकाल में गौ माता की दुर्गति हुई। वहीं बीजेपी जो धर्म और सनातन की बात करती है। सड़कों पर गौवंश हादसों का इंतजार करता है। गौशालाओं में भूख-प्यास से गौवंश काल का ग्रास बनता जा रहा है। गौवंश के लिए प्रति गाय दिया जाने वाला अनुदान न के बराबर है, तो जो अनुदान है वह भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता जा रहा है। गौमाता की खुराक भी छीनी जा रही है। बीजेपी समेत सरकार के बयानों में ही गौवंश के दाह संस्कार की बातें सुनाई देती है। कमलनाथ शासनकाल में शुरू की गई नई गौशालाओं की बदहाली भी बीजेपी सरकार में हुई। जरूरी है कि पूजन के साथ सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए गौ संरक्षण और संवर्धन के लिए ठोस कदम उठाए। 

बीजेपी का कांग्रेस पर पलटवार

कांग्रेस के आरोप पर बीजेपी ने भी पलटवार किया है। बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कहा  कि हर मामले पर कांग्रेस की नकारात्मक राजनीति की आदत बन चुकी है। गौ संरक्षण की दिशा में जितना बीजेपी ने किया उतना किसी सरकार में नहीं हुआ। सरकार धर्म, संस्कृति और सनातन की विरासत को आगे बढ़ा रही है। बीजेपी ने यह भी कहा कि केरल में गोमांस खाने की वकालत करने वालों के साथ खड़ी कांग्रेस बीजेपी को पाठ न पढ़ाए।

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