सुशील खरे,रतलाम। खबर मध्यप्रदेश के रतलाम जिले से है। यहां सुराणा गांव के ग्रामीण घर बेचकर यहां से जाना चाहते हैं। बकायदा इसके लिए उन्होंने अपने घरों के बाहर ‘यह घर बिकाऊ है’ ( this house is for sale) लिख दिया है। मामला मुस्लिम बहुल गांव से हिन्दूओं के पलायन से जुड़ा है। इससे पहले यह जान लेना भी जरूरी है, कि वर्तमान में प्रदेश से लेकर ग्रामीण तक में एक छत्र भगवाधारी कहे जाने वाली भाजपा की सत्ता है। इसके बाद यह घटना सुनकर देश और प्रदेश में सभी हैरान है। मामले में अब तक कोई ठोस प्रतिक्रिया सत्ताधारी सांसद, विधायक और किसी भी मंत्री से प्राप्त नहीं हुई। मामला संज्ञान में आने के बाद रतलाम अपर कलेक्टर एमएल आर्य ने कहा की गांव में सभी लोग भाईचारे के साथ रहते हैं। जांच दल बनाकर गांव में भेजा जाएगा और लोगो से बातचीत कर समाधान किया जाएगा।
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वहीं इस संवेदनशील मुद्दे के सामने आने के बाद भी कोई जांच दल या सत्ताधारी नेता अब तक गांव नहीं पहुंचा। हालांकि ग्रामीणों ने कहा कि ज्ञापन देने के बाद कुछ पुलिसकर्मी गांव में आये थे और भ्रमण कर चले गए। इसी गांव सुराणा में रात 9 बजे के लगभग गांव के हिन्दूओं ने अपने घरों के बाहर “यह घर बिकाऊ है”, “हम मुस्लिम समाज और प्रशासन से पीड़ित हैं।
गांव सुराणा के ग्रामीणों का आरोप है की रतलाम एसपी गौरव तिवारी ( Ratlam SP Gaurav Tiwari) ने उनकी समस्या नहीं सुनी। उन्हें ऑफिस रवाना कर दिया। एसपी के व्यवहार से ग्रामीण आक्रोशित थे। कलेक्टोरेट में पुलिस प्रशासन व एसपी के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। इस दौरान गांव के भरतलाल, मुकेश जाट, कंवरलाल जाट, विनोद, राधेश्याम, भेरूलाल, मांगीलाल, गोपाल जाट, आशीष सोनी, प्रकाश सांवरिया सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।
उत्तरप्रदेश के कैराना से हो रही तुलना
यह घटना देख सोशल मीडिया पर इस गांव की तुलना उत्तरप्रदेश के कैराना से की जाने लगी। गौरतलब है कि यूपी के कैराना में हिन्दूओं के पलायन का मामला ख़ूब सुर्खियो में रहा है। वहां भी पलायन कर रहे हिन्दूओं ने इसी तरह अपने घर के बाहर लिख कर घरों को छोड़ा था।
भाजपा जिलाध्यक्ष की बात भी नहीं माने एसपी
दिलचस्प बात यह है कि कलेक्टर को ज्ञापन देने के पूर्व ग्रामीण रतलाम के भाजपा जिलाध्यक्ष राजेन्द्रसिंह लुनेरा के पास पहुंचे थे। जहां से लुनेरा ने एसपी गौरव तिवारी से बातचीत कर ग्रामीणों के मिलने की बात कही, जिसके बाद ग्रामीण एसपी के दफ्तर पहुंचे थे और वहां एसपी ने उनकी बात सुनकर उन्हें ही कसूरवार ठहरा दिया। सूत्रों के अनुसार सुराणा के हिन्दूओं ने गांव छोड़कर शहर में आने का पूरा मन बना लिया है। 3 दिन बाद सभी वहां से घर खाली कर शहर की ओर आने वाले हैं। ऐसा अगर होता है तो मामला ओर गहराता जाएगा। फिलहाल शासन और प्रशासन दोनों की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया मामले में नहीं आई।
जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल गांव सुराणा के हिंदू रहवासियों ने गांव में रह रहे वर्ग विशेष लोगों से परेशान होकर तीन दिन में परिवार सहित गांव खाली करने की चेतावनी दी थी। मंगलवार दोपहर में ग्रामीण जब समस्या लेकर एसपी गौरव तिवारी के पास पहुंचे तो सुनवाई नहीं हुई तो ग्रामीण कलेक्टोरेट पहुंचे और कलेक्टर के नाम ज्ञापन एसडीएम अभिषेक गेहलोत को सौंपकर गांव छोडकर अन्य दूसरी जगह बसने की लिए पट्टे की मांग की।
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में हम लोग शांति सद्भाव से रहना चाहते है लेकिन आए दिन हिंदू युवाओं से गाली गलोच और जान से मारने की धमकी के साथ मारपीट भी की जाती है। पुलिस में जब शिकायत करते है तो उल्टा र्कारवाई कर दी जाती है। मंगलवार को रतलाम ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना और भाजपा जिलाध्यक्ष राजेंद्रसिंह लुनेरा को सारी समस्या से अवगत कराया। लुनेरा द्वारा एसपी से चर्चा कर मिलने को कहा। जब हम लोग मिलने गए तो उन्होंने बात नहीं सुनते हुए उल्टे उन्हीं पर र्कारवाई करने की चेतावनी दे दी।
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दो साल पहले शुरू हुई कहानी
ग्रामीणों का कहना था की गांव की आबादी का 60 प्रतिशत मुस्लिम और 40 प्रतिशत हिंदू आबादी है। जो भाई चारे से कई पीढियों से रह रहे थे, लेकिन पिछले दो तीन वर्षों से विधर्मी मानसिकता हमारे गांव में आई है और हमारे गांव में हिंदू युवाओं के साथ गाली गलोच, मारपीट और धमकी देने लगे।
शिकायत करने पर रासुका, जिलाबदर की मिलती है धमकी
ग्रामीणों का कहना था कि हमारे गांव का एक दल शांति स्थापित करना चाहता हैं। वहीं हमारी बात सुने बगैर डरा धमका कर रासुका, जिलाबदर, और मकान गिराने की धमकी दे दी। इस कारण हम भयभीत हैं। हम अपना गांव अपनी संपत्ति प्रशासन को सुपुर्द कर अन्य जगह पर स्थापित होना चाहते हैं, जिससे हमारी आने वाली हिंदू युवा पीढ़ी सुरक्षित रह रह सके।
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