
टेंडर पर नजर इनायत
पीडब्ल्यूडी में इस वक्त ग्रह नक्षत्र सही नहीं चल रहे हैं। मामला राजधानी भोपाल के अजूबे बने ब्रिज ऐशबाग का है। हालांकि मामले में सरकार ने एक्शन लिया और कुछ अधिकारियों पर गाज भी गिरी, लेकिन सरकार की नजर ऐसे मामलों पर अक्सर चूक जाती है। यहां बात टेंडर की हो रही है। पीडब्ल्यूडी में टेंडर में घालमेल की शिकायत तो की लंबी सूची है। इन शिकायतों को कचरे के डब्बे में डाल दिया जाता है। मेल पर आई हुई शिकायत तो पर ध्यान नहीं दिया जाता तो ऑनलाइन शिकायतों पर अधिकारी ही खेल कर लेते हैं। जरूरत है टेंडर पर बारीकी से अध्ययन करने की, आखिर कैसे माननीयों के रिश्तेदारों को ही टेंडर पास कर दिए जा रहे हैं।
भोपाल नगर निगम रंगीन मिजाज अफसरों का अड्डा
नगर निगम को हर बार में नरक निगम ही कहता हूं, सच माने तो भोपाल नगर निगम नरक से काम नहीं। घपले घोटाले गड़बड़ी नेताओं का संरक्षण तो ठीक लेकिन यहां महिला कर्मचारी भी सुरक्षित नहीं होती। ट्रांसफर पर ट्रांसफर कर महिला कर्मचारियों पर दबाव बनाना, दबाव भी ऐसा कि नौकरी छोड़ने तक की नौबत… महिलाओं को अफसर के पास जागरण भेजने के लिए कुछ एनजीओ के कर्ताधर्ता भी भरपूर साथ देते हैं। नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारी और एक महिला कर्मचारी पर दबाव बनाने का ऑडियो भी चर्चा में है। ऐसा पहला मामला नहीं है जब महिलाओं पर मनमानी के लिए प्रताड़ित किया जा रहा हो यह मामला अब और ऊपर तक जाने वाला है और बड़े-बड़े पद के बड़े-बड़े अधिकारी अपनी करनी भोगने वाले हैं।
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दिल्ली दरबार में कमल छाप कांग्रेसियों की शिकायत
संगठन को मजबूत करने के लिए मध्यप्रदेश कांग्रेस में संगठन सृजन अभियान चलाया जा रहा है। राहुल गांधी ने अभियान की शुरुआत करते हुए साफ संकेत दिए थे कि बीजेपी से रिश्ता रखने वाले कांग्रेस नेताओं को पद नहीं दिया जाएगा। इसके बाद जिला अध्यक्ष की दौड़ में जितने भी नेता शामिल है, जब उनकी दावेदारी कमजोर होती दिखती है तो जिला अध्यक्ष की दौड़ में शामिल पहले पायदान पर रहने वाले नेताजी की दिल्ली में पोटली बंद शिकायत की जा रही है और ये बताया जा रहा है कि बीजेपी से कितने करीब है। ऐसे मामले प्रदेश के कई जिलों से सामने आ रहे है, शिकायत दिल्ली भी पहुंची और उसके बाद आलाकमान की तरफ से साफ कर दिया गया कि नियुक्ति के बाद भी उन जिला अध्यक्ष को हटा दिया जाएगा जो जुगाड़ से बनेंगे।
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4 घंटे मंथन और सिर्फ 10 बदले
मध्य प्रदेश में तबादलों का दौर खत्म हो चुका हैं, लेकिन ट्रांसफर की लिस्ट लगातार सामने आ रही है, पुलिस विभाग में अब भी पुलिस कर्मचारियों को इंतजार है। ट्रांसफर लिस्ट जल्द आएगी इसको लेकर जिम्मेदार अधिकारियों के बीच PHQ में बैठक हुई, बैठक चार घंटे तक चली हजारों की संख्या में तबादलों के लिए पुलिसकर्मियों के आवेदन आए हुए थे, लेकिन ट्रांसफर सिर्फ 10 पुलिसकर्मियों का हुआ। बताया जा रहा है ये सिर्फ वो नाम थे जो बड़ी सिफारिश से आए थे।
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