
साहब और नेताजी के फेर में फंसी पुलिस
मामला मध्य प्रदेश के प्रमुख शहर का है. जहां साहब के साथ हुई बहसबाजी के बाद नेताजी के आदमी के खिलाफ थाना में शासकीय कार्य में बाधा की शिकायत हो गई. एफआईआर होने की वाली थी कि नेताजी भी एसएचओ के केबिन में आ धमके. दोनों ओर से चली पॉवर के बीच एफआईआर बीच में अटकी रही, लेकिन मामले का निपटारा होना समझ बैठे नेताजी जैसे ही थाना से रवाना हुए तुरंत एफआईआर दर्ज हो गई. नौबत आरोपी की गिरफ्तारी तक आ गई. नेताजी ने फिर जोर लगाया और मामला मध्य प्रदेश के तीन प्रमुख नेताओं तक पहुंच गया. नेताओं ने आपस में चर्चा कर मामले का निपटारा करने के निर्देश दिए. दोबारा पुलिस की जांच बैठी और जांच से शासकीय कार्य में बाधा की धारा हटा दी गई. दोनों ओर से लगातार प्रेशर आने से इस मामले में पुलिस की जमकर फजीहत हुई.
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एक कमरे वाले रूम से माननीय खुश नहीं
मध्य प्रदेश के हिल स्टेशन में चल रहे प्रशिक्षण शिविर में सबको रिजॉर्ट या स्वीट रूम मिल पाना संभव नहीं रहा. हुआ यूं कि कुछ माननीय हिल स्टेशन परिवार के सदस्यों को लेकर पहुंच गए. तैयारी ये थी कि माननीय तो ट्रेनिंग लेंगे और परिवार हिल स्टेशन घूम लेगा. लेकिन जब एक माननीय अलॉर्ट हुई होटल पहुंचे तो सिर्फ एक रूम मिलने पर उनकी प्लानिंग धरी रह गई. एक और रूम के लिए माननीय ने जोर भी लगाया, लेकिन कोई रास्ता नहीं निकल सका.
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दलित प्रेम में सवर्णों के छिटकने का डर !
मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी ने दिल्ली में ग्वालियर, चंबल संभाग के नेताओं की बैठक बुलाई. बैठक का मुद्दा था ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा लगाने को लेकर चल रहे विवाद पर पार्टी की क्या रणनीति रहेगी. बैठक में ग्वालियर चंबल संभाग के अधिकतर नेता पहुंचे. सब ने अपनी-अपनी राय रखी और इसके बाद हरीश चौधरी ने फैसला सुनाया. कांग्रेस पार्टी डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा लगाने को लेकर लड़ाई लड़ेगी, लेकिन कई नेता चिंतित है कि दलित प्रेम के चक्कर में कहीं सवर्ण वोट ना खिसक जाए और ये बात नेताओं ने बैठक में भी कहीं जिन नेताओं को मन में शंका है वो सभी सामान्य वर्ग से आते हैं.
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अंदर खुशी, बाहर चुप्पी
लक्ष्मण सिंह के खिलाफ अनुशासन का चाबुक चला और ये कांग्रेस की तरफ से लंबे समय के बाद किसी बड़े नेता के खिलाफ कार्रवाई की गई है. पार्टी से बाहर किए जाने के बाद भी लक्ष्मण सिंह या फिर कहें दिग्विजय सिंह परिवार का एमपी कांग्रेस में इतना खौफ है कि खुलकर कोई भी कांग्रेस नेता इस पे बयान नहीं दे रहा है, लेकिन बंद कमरों में कांग्रेस नेता फैसले को सही बता रहे हैं.
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