(सुधीर दंडोतिया की कलम से)
आबकारी के रंगीन मिजाज अधिकारी
इन दिनों मंत्रालय समेत आबकारी विभाग में चर्चा है। बड़े कद के मंत्री के अफसर का है। साहब आबकारी विभाग में कार्यरत महिला कर्मचारियों पर खास मेहरबानी करते हैं। होटल के कमरे में बुलाकर संगीन शाम और फिर एक नहीं बल्कि चार-चार अतिरिक्त प्रभार। वैसे साहब के खिलाफ अब एक महिला ने मोर्चा खोल दिया है। बताया जा रहा है कि उन सहकर्मियों के नाम भी खोलने की तैयारी में हैं जिन पर साहब की विशेष कृपा दृष्टि रही है। इसमें कुछ तो बड़े कद की भी हैं। आबकारी में मानो की इस वक्त हाय तौबा मची हुई है।
अफवाह कहे या सच, अफसरशाही फुल सतर्क
मंत्रालय के अंदर खेमे की ये खबर खलबली मचाने वाली है। मंत्रालय से लेकर संचालनालय के बड़े अफसर लोकसभा से सतर्क हैं। मामला अफसरों की चुनावी जासूसी से जुड़ा हुआ है। अब इसे अफवाह कहे या सच, लेकिन अफसरों में फोन टैपिंग को लेकर खलबली मची है। बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनावी दौर से ही अफसरों ने वाट्सएप का सहारा लिया। परिवार तक में बात करने के लिए व्हाट्सएप का सहारा लिया जा रहा है। हालांकि, बीते विधानसभा में फोन टैपिंग से सियासत तो जरूर गर्म हुई थी। खेर, सच ही कहा है कि सावधानी हटी और दुर्घटना घटी। समझे…
नर्मदा की भक्ति में लीन माननीय का रेत प्रेम
प्रदेश के एक वरिष्ट मंत्री के दो मुखौटे। अक्सर मां नर्मदा की भक्ति में लीन फोटो, पोस्ट और बयान सामने आते हैं। सात्विक ऐसे की प्याज-लहसुन से सालों पहले मंत्री जी ने दोस्ती तोड़ दी थी। धैर्य और संयम के प्रतीक हैं मंत्री। लेकिन, मां नर्मदा के साथ इनका रेत प्रेम भी अब धीरे-धीरे जगजाहिर होता जा रहा है। हालांकि, नर्मदा किनारे की विधानसभा से आने वाले मंत्री जी अब सीधे तौर पर रेत माफिया जैसे शब्दों से लबरेज हो रहे हैं। धाक ऐसी कि रेत से ओवरलोड डंपरों और मंत्री जी के दिए एक कोड को जानने के बाद आईएएस-आईपीएस भी आंखे बंद कर लेते हैं। भोपाल तो मंत्री जी के लिए छोटी सी बात है। सुना है मंत्री जी के पाखंड की खबर पर बड़े बवाल की तैयारी है। माननीय के कारनामों की दिल्ली तक खबर भी है।
विधायकजी को नगर निगम के गैरेज का इंतजार
लोकसभा चुनाव में विधायकजी की गाड़ी खूब दौड़ी। गाड़ी दौड़ी तो अब सर्विसिंग मांग रही है। विधायकजी ने तरकीब निकालते हुए नगर निगम के गैरेज से संपर्क किया, लेकिन जवाब आया कि इसे रिकाॅर्ड में कैसे लाया जाएगा। विधायक ने बैकडोर का रास्ता निकालने का पूरा प्रयास किया, लेकिन हर बार नियमों का हवाला देते हुए सर्विसिंग से इनकार कर दिया गया। अब तक कोई रास्ता नहीं निकला है, लेकिन विधायकी के साथ महत्वपूर्ण पद पर सुशोभित नेताजी अभी भी अनेक तरह के जतन करने में जुटे हुए हैं।
हाईकमान के आदेश ने कुछ प्रवक्ता का मन किया फीका
एक जून की शाम को एक्जिट पोल के नतीजे आएंगे। यह काफी पहले ही जगजाहिर। टीवी चैनलों पर तीखेपन के साथ कांग्रेस का पक्ष रखने के लिए कुछ प्रवक्ताओं ने पहले से ही तैयारी कर रखी थी। पीसीसी में इस पर मंथन चल रही रहा था कि कौन-कहां जाएगा कि एका-एक हाईकमान का आदेश का टपका। पहले तो कुछ प्रवक्ताओं को इस फैसले पर यकीन नहीं हुआ, लेकिन जब आदेश सही होने की जानकारी लगी तो मन मारकर रह गए।
मंत्रीजी के रंग-बिरंगे जूते
बीजेपी प्रदेश कार्यालय में थी विस्तारकों की बैठक। बैठक के लिए पार्टी कार्यालय में करीब 200 विस्तारक पहुंचे थे। इस बीच एक मंत्री महोदय भी वहां पहुंचे। मंत्रीजी रंग-बिरंगे जूते पहने हुए थे। ऐसे में कुर्ता-पजामा पहनने वाले विस्तारक मंत्रीजी के जूतों को लेकर तरह-तरह के कमेंट्स करते रहे। दरअसल, कुछ विस्तारक तो मंत्रीजी के नाम और चेहरे से परिचित थे, लेकिन अनेक विस्तारक ऐसे थे जो चेहरे से मंत्रीजी को पहचानते ही न थे और जानकारी नहीं होने से अनजाने में कमेंटस करते दिखाई दिए।
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