सुनील पासवान, बलरामपुर. छत्तीसगढ़ में बलरामपुर जिला एक आदिवासी बाहुल्य जिला है जो अभी विकास की ओर अग्रसर है. हालांकि यहां बहुत सी मूल भूत चीजों का आभाव है, लेकिन कहते है न प्रतिभा हो तो वो सामने आ ही जाती है. बलरामपुर जिला मुख्यालय निवासी एक सामान्य परिवार से आने वाले प्रांजल सिंह ने अपने हौसले और पक्के इरादे से कोलकाता में चल रहे ताईक्वांडो के (ताईकोफेस्ट सीजन 5) में ताईक्वांडो में राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक प्राप्त किया है. प्रांजल का यह दूसरा राष्ट्रीय स्वर्ण पदक है इससे पहले भी प्रांजल ताईक्वांडो में राष्ट्रीय स्तर पर सवर्ण पदक प्राप्त कर चुके है.

प्रांजल एक सामान्य परिवार से आते है इनके पिता अरुण कुमार सिंह एक शिक्षक है मूल भूत आवश्यकताओं की कमी के बीच भी जिस तरह प्रांजल ने सफलता हासिल की है और बलरामपुर जिले के साथ पूरे छत्तीसगढ का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रौशन किया है वाकई कबिले तारीफ है.

ताईकोफेस्ट सीजन 5 में चयन होने के बाद क्षेत्र के लोगों ने स्वर्ण पदक के लिए जो आस उनसे रखी थी उनका मान बखूबी रखते हुए इतिहास दोहराया और पुनः राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक प्राप्त किया है.

इनकी जीत पर बलरामपुर जिले सहित छत्तीसगढ़ में खुशी का माहौल व्याप्त है. इनके कोच विनय कुमार गुप्ता ने बधाई देते हुए औऱ आगे बढ़ने और उज्वल भविष्य की कामना की बात कही है.