नई दिल्ली.  राफेल सौदे को लेकर देश में जारी सियासत के बीच सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने बड़ा दावा किया है और राफेल सौदे को एक घोटाला बताया है.  प्रशांत भूषण ने दावा किया है कि राफेल सौदा इतना बड़ा घोटाला है कि जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया है कि ऑफसेट करार के जरिए अनिल अम्बानी के रिलायंस समूह को 21,000 करोड़ कमीशन के रूप में मिले. प्रशांत भूषण ने राफेल सौदे से जुड़ी कथित दलाली की तुलना 1980 के दशक के बोफोर्स सौदे से की है.

‘राफेल घोटाले में कमीशन कम से कम 30 प्रतिशत’

राफेल सौदे को लेकर प्रशांत भूषण ने कहा कि ये ऐसा घोटाला है जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती है.  प्रशांत भूषण ने कहा कि बोफोर्स 64 करोड़ रुपये का घोटाला था जिसमें चार प्रतिशत कमीशन दिया गया था.  लेकिन राफेल घोटाले में कमीशन कम से कम 30 प्रतिशत है.  प्रशांत भूषण ने आरोप लगाते हुए कहा कि अनिल अम्बानी को दिए गए 21,000 करोड़ रुपये केवल कमीशन हैं, इसके अलावा कुछ और नहीं.

जेपीसी से राफेल सौदे की जांच की मांग जायज’

प्रशांत भूषण ने सवाल उठाते हुए कहा कि वायुसेना को 126 विमानों की जरूरत थी तो कैसे उन्होंने अपनी जरूरतें कम कर लीं.  साथ ही उन्होंने गोपनीयता संबंधी उपधारा के नाम पर जानकारी देने से मना करने को लेकर सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि राफेल सौदे की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की विपक्ष की मांग बिल्कुल जायज है. अंबानी समूह को फायदा पहुंचाने का आरोप इसके पहले अनिल अंबानी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताया था और कहा कि ये आरोप कल्पना की उपज हैं जिन्हें निहित स्वार्थों द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है. अंबानी ने पत्र लिखकर राहुल के आरोपों पर जवाब दिया था.  बता दें कि राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस लगातार बीजेपी और पीएम मोदी पर आरोप लगा रही है कि इस डील के जरिए अंबानी समूह को फायदा पहुंचाया गया.