सवाई माधोवपुर. चौथ का बरवाड़ा कस्बे में 9 जनवरी से 15 जनवरी तक चौथ माता का लक्खी मेला आयोजित होगा. चौथ माता का प्रसिद्ध मेला तीन साल बाद लगने जा रहा है. मेले में करीब 10-15 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है. चौथ माता मंदिर में हर साल माघ माह में सात दिवसीय लक्खी मेला लगता है. मेले में 7 दिन के दौरान दूर-दूर से भक्त माता के दर्शनों के लिए आते हैं. साथ ही दूरदराज से सैकड़ों दुकानदार भी विभिन्न प्रकार का व्यापार करने के लिए आते हैं. कोरोना संक्रमण के चलते मेले का आयोजन नहीं हो पा रहा था. प्रशासन ने हाल ही में फिर गहराने रहे कोरोना के मद्देनजर मेला व्यवस्था में सावधानी रखने की बात की है. 

1451 में हुआ था मंदिर का जीर्णोद्धार

अरावली की सुंदर वादियों के बीच श्री चौथ माता का मंदिर है. सीढिय़ों के रास्ते इस मंदिर में प्रवेश किया जाता है. ये सीढिय़ां जितनी ज्यादा है भक्तों की संख्या उससे कई ज्यादा अधिक है. चौथ माता के दर्शन कर भक्त अपनी थकान को एक चुटकी में भूल जाते हैं. चौथ माता मंदिर राजस्थान के सवाई माधोपुर के सबसे प्रमुख मंदिरों में से एक है.  1451 में मंदिर का जीर्णोद्घार किया गया था. जबकि मंदिर के रास्ते में बिजली की छतरी और तालाब  बनवाया गया. ये मंदिर करीब एक हजार फीट ऊंची पहाड़ी पर मौजूद है. इस मंदिर में दर्शन के लिए राजस्थान से ही नहीं अन्य राज्यों से भी लाखों की तादाद में श्रद्धालु आते हैं. नवरात्र के दौरान यहां होने वाले धार्मिक आयोजनों का विशेष महत्व है. करीब एक हजार फीट ऊंची पहाड़ी पर विराजमान चौथ माता जन-जन की आस्था का केन्द्र है.

सकट चौथ का व्रत 10 जनवरी को

इस साल सकट चौथ का व्रत 10 जनवरी 2023 को रखा जाएगा. सकट चौथ का पर्व माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. इसे संकष्टी चतुर्थी, तिलकुट और माघी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. सकट चौथ पर मिट्टी से बने गौरी, गणेश, चंद्रमा की पूजा की जाती है.

संतान की लंबी आयु के लिए रखते है व्रत

सकट चौथ ऐसा व्रत है, जिसे संतान की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए रखा जाता है. हिंदू पंचांग के मुताबिक हर साल माघ कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन सकट चौथ व्रत रखा जाता है. इस साल सकट चौथ का व्रत 10 जनवरी 2023 को रखा जाएगा. सकट चौथ का पर्व माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. इसे संकष्टी चतुर्थी, तिलकुट और माघी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है.