नई दिल्ली. रेलवे बोर्ड ने देशभर के रेलवे स्टेशनों के खाली पड़े स्थानों पर 150 से 200 फूड प्लाजा-फूड कोर्ट खोलने की तैयारी कर ली है. इसके लिए बाकायदा समस्त 17 जोनल रेलवे को आदेश जारी कर दिए गए हैं. इससे रेल यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर विभिन्न प्रकार के लजीज व्यंजन मिल सकेंगे. वहीं, खानपान व्यवसाय से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा और रेलवे की कमाई भी बढ़ेगी.

 रेलवे बोर्ड ने आठ मार्च को सर्कुलर जारी किया है. इसमें उल्लेख है कि विभिन्न जोनल रेलवे से प्राप्त जानकारी के अनुसार इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म (आईआरसीटीसी) को प्रमुख व बड़े फूड प्लाजा, फूड कोर्ट, फूड यूनिट आदि स्थापित करने के लिए रेलवे स्टेशनों पर जगह आवंटित की है, लेकिन तमाम स्थानों पर अभी तक उक्त खानपान यूनिट का आवंटन नहीं हो पाया है.

फूड प्लाजा बंद होने से राजस्व का हुआ भारी नुकसान

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आवंटन नहीं होने से न सिर्फ रेल यात्रियों को खानपान की सुविधा से वंचित होना पड़ रहा है, बल्कि इससे रेलवे को भारी राजस्व का नुकसान भी हो रहा है. अत: रेलवे बोर्ड ने जोनल रेलवे को अधिकृत करते हुए कहा कि स्टेशनों पर खाली पड़े स्थानों को आवंटित करने के लिए ओपन टेंडर निकाले. इसमें एक साल से खाली पड़ी जमीन को पहले आवंटित किया जाएगा.

ये भी है एक वजह

रेलवे मंत्रालय के कैटरिंग से जुडे़ एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि खान खिलाना रेलवे का काम नहीं है. इसके लिए पृथक विभाग का गठन किया गया है. दरअसल, वर्ष 2017 की त्रुटिपूर्ण कैटरिंग पॉलिसी के कारण 150-200 फूड प्लाजा-फूड कोर्ट शुरू नहीं हो पा रहे हैं. इस नीति में लाइसेंस फीस, महंगी रेलवे भूमि की दरें, जो कंपनी को देनी होती हैं और खानपान यूनिट खोलने के लिए गलत जगह का चयन प्रमुख समस्या है.

नई कैटरिंग पॉलिसी पर काम शुरू

सूत्रों का कहना है कि रेलवे बोर्ड नई कैटरिंग पॉलिसी पर काम कर रहा है. इसका मकसद रेलवे में अधिक से अधिक रोजगार पैदा करना है और रेल यात्रियों को सस्ता और स्वादिष्ट खाना मिल सकेगा. इस पॉलिसी में फूड प्लाजा आवंटित करने में एससी-एसटी और महिलाओं को पृथक कोटा दिया जाएगा.नई कैटरिंग पॉलिसी पर काम शुरू

निजामुद्दीन जैसे बड़े रेलवे स्टेशन पर फूड प्लाजा बंद

रेल मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन का फूड प्लाजा कई साल से बंद पड़ा है क्योंकि इसकी सालाना लाइससें फीस दो करोड़ के आसपास है. इसके साथ ही हर साल लाइसेंस फीस में 7 फीसदी की वृद्धि का प्रावधान है. इतने महंगे फूड प्लाजा पर खाना महंगा बिकेगा, जो आम रेल यात्री की पहुंच से बाहर होगा. इसी प्रकार झांसी-ग्वालियर में फूड प्लाजा वहां हैं, जहां ट्रेन का इंजन आकर रुकता है. जहां रेल यात्री पहुंच नहीं पाते हैं. रेलवे बोर्ड को उक्त खामियों को दूर करना चाहिए.